आपका पशु बीमार तो नहीं है, ऐसे करें पहचान और बचाएं उनकी जान

Diti BajpaiDiti Bajpai   4 Oct 2017 12:48 PM GMT

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आपका पशु बीमार तो नहीं है, ऐसे करें पहचान और बचाएं उनकी जानअपने पशुओं की करें सुरक्षा।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। पशु बीमार है ये ज्यादातर पशुपालक पता नहीं कर पाते है। जब बीमारी बड़ा रुप ले लेती है तो पशुपालक को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। अगर पशुपालक कुछ बातों को ध्यान दे तो वो इतना पता तो कर ही सकता है की उसका पशु बीमार है।

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  • अगर पशु बीमार है तो सबसे पहले दूध उत्पादन पर असर पड़ता है।
  • पशु गोबर पतला या फिर कड़ा करने लगता है।
  • बीमार पशु के कान सीधे तने हुए न हो कर लटक जाते है।
  • पशु के नाक के आसपास पानी की छोटी छोटी बुँदे बनना बंद हो जाती है।
  • पेशाब में हल्की बदबू आने लगती है।
  • पशु सांसें तेज लेता है या फिर बहुत धीमी हो जाती है।
  • पशु के कान ठंडे पड़ जाते है।
  • यदि पशु अपने सीगों को दीवार पे बार बार भड़कता हे तो उसके सीगो में कीड़े पड़ने की सम्भावना होती है।
  • पशु झुंड की बजाय अलग-अलग या पीछे-पीछे चलता है।
  • उसके बालों की चमक खो जाती है ।
  • वह जुगाली कम कर देता है या फिर बंद कर देता है।
  • दुधारू पशु के दूध में अचानक कमी आ जाती है।
  • जल्दी थक जाता है और बैठ जाता है।

(डाॅ वीके सिंह, उन निदेशक पुशपालन विभाग, उत्तर प्रदेश से बातचीत के आधार पर)

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