राजस्थान में हार से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सतर्क, तीन नए मंत्रियों को दिलाई शपथ
Sanjay Srivastava 3 Feb 2018 1:08 PM GMT
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में आयोजित समारोह में तीन नए मंत्रियों के शपथ दिलाई।
मध्य प्रदेश की कोलारस विधानसभा सीट और मुंगाबली विधानसभा सीट पर 24 फरवरी को उपचुनाव होने वाले हैं। इन दोनों सीटें पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का अधिक प्रभाव है। यह दोनों सीेटें उनकी संसदीय सीट गुना में आती है।इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चिंतित हैं। बदले माहौल को देखते हुए मुख्यमंत्री ने नारायण सिंह कुशवाहा, जालम सिंह पटेल और बालकृष्ण पाटीदार को शपथ दिलाई। गरिमामय समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक मंत्री उपस्थित थे।
नारायण सिंह कुशवाहा को केबिनेट और शेष दो को राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई। कुशवाह ग्वालियर-चंबल संभाग के चेहरे हैं जो संघ के दलित-पिछड़ों को सत्ता संगठन में अहम पद देने के एजेंडे पर तो खरे उतरते ही हैं। साथ ही मुंगावली-कोलारस उपचुनाव में भाजपा का सियासी पलड़ा भारी करने में भी मददगार हैं।
राज्यमंत्री जालम सिंह पटेल, प्रह्लाद पटेल के भाई हैं और नरसिंहपुर में उनका अच्छा खासा रसूख है। दूसरे राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार खरगोन से आते हैं, किसान आंदोलन के दौरान पाटीदारोंकी नाराजगी को दूर करने की कवायद के तौर पर इसे देखा जा रहा है। कांग्रेस ने आचार संहिता के उल्लंघन की बात करते हुए मंत्रिमंडल के इस विस्तार का विरोध किया था।
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तीन मंत्रियों के शपथ लेने से पहले शिवराज मंत्रिमंडल में 19 केबिनेट और नौ राज्य मंत्री थे। इस तरह कुल 28 मंत्री थे, जो अब बढ़कर 31 हो गए है।
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शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने मीडिया से कहा कि शीघ्र ही मंत्रिमंडल का एक और विस्तार किया जा सकता है। कांग्रेस द्वारा मंत्रिमंडल के विस्तार का विरोध करने के सवाल पर उन्होंने कहा, बिना किसी आधार के सवाल खड़ा करना कांग्रेस की आदत बन गई है। कैबिनेट का विस्तार मुख्यमंत्री का अधिकार है।
प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान का यह तीसरा कार्यकाल है। चौहान मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 20 कैबिनेट मंत्री और नौ राज्यमंत्री शामिल हैं। संविधान के प्रावधानों के तहत प्रदेश में अधिकतम 35 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया जा सकता है।
मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव 2018 होने वाले हैं।
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