मध्य प्रदेश बाढ़: 'सब कुछ बह गया, हमारे शरीर पर जो कपड़ा है, बस वही बचा है'
पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण मध्य प्रदेश में भीषण बाढ़ आई है। पांच जिलों के एक हजार से अधिक गाँव बाढ़ प्रभावित हुए हैं। सैकड़ों हजार लोग अपने घर, सामान, जमा अनाज और फसल को खेत में खो चुके हैं। विदिशा जिले के बाढ़ग्रस्त गाँवों से एक ग्राउंड रिपोर्ट।
Satish Malviya 26 Aug 2022 10:56 AM GMT
खारी और हुस्नापुर (विदिशा), मध्य प्रदेश। अपने टूटे-फूटे घर की छत पर जहां चारों ओर कीचड़ और गीला मलबा पड़ा है, 15 साल की दीपिका मुट्ठी भर अनाज सुखाने में लगी हुई थी. "जिन बड़े-बड़े बर्तनों (कंटेनर) में पूरे साल का अनाज भर के रखा था, वो सब बाढ़ के पानी में बह गए। यह साल बड़ा मुश्किल होने जा रहा है।" यह कहते-कहते उसकी आंखें भर आईं।
विदिशा जिले के खारी गाँव में दीपिका के घर से कुछ मीटर की दूरी पर 65 साल की कपूरी बाई भी अभी सदमे से उबर नहीं पाई हैं। उन्होंने अपनी कमजोर आवाज में गाँव कनेक्शन को बताया, "हमारे घर का सारा सामान बेतवा (नदी) में डूब गया। तन पर जो पहना है बस वही कपड़ा हमारे पास बचा हैं।"
23 अगस्त को जब गाँव कनेक्शन, राज्य की राजधानी भोपाल से लगभग 75 किलोमीटर दूर खारी गाँव का दौरा कर रहा तो बाढ़ प्रभावित गाँव के एक धान किसान रामराज लोधी अपने नुकसान का आकलन करने में लगे हुए थे।
लोधी ने बताया, "सिर्फ धान की फसल ही नहीं, मेरी जमीन की उपजाऊ मिट्टी की ऊपरी परत भी बह गई। अब तो नीचे की पथरीली जमीन नजर आने लगी है।" किसान को अब चिंता सता रही है कि आगे जमीन पर कुछ भी उगाने में उसे कई मौसम लग जाएंगे।
मध्य प्रदेश में कम से कम 5 जिलों को भारी बाढ़ का सामना करना पड़ा है। इसके हजारों गाँव पानी में पूरी तरह से डूब गए। पिछले एक सप्ताह में राज्य में भारी बारिश से कई करोड़ का नुकसान हुआ है। बचाव, राहत और पुनर्वास कार्य अभी भी जारी है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश ने 18 अगस्त से 24 अगस्त तक 91 फीसदी अधिक वर्षा दर्ज की है (मानचित्र देखें) क्या बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनना, 18 अगस्त और 24 अगस्त अगस्त के बीच हुई बारिश का कारण बना और फिर लगभग एक दिन तक मध्य प्रदेश में बना रहा।
मध्य प्रदेश के अलावा, राजस्थान और गुजरात में भी पिछले एक सप्ताह में बहुत भारी बारिश हुई है. इस वजह से इलाके की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं और हजारों गाँवों में बाढ़ आ गई।
18 अगस्त से 24 अगस्त के बीच राजस्थान में 120 फीसदी बारिश हुई, जबकि गुजरात में 60 फीसदी से ज्यादा बारिश हुई है।
घर, अनाज, फसल-सब बह गए
23 अगस्त को गाँव कनेक्शन ने विदिशा जिले के बाढ़ प्रभावित गाँवों का दौरा किया। जहां तक नजर जा रही थी वहां तक बेतवा और उसकी सहायक नदियों का पानी ही नजर आ रहा था। चारों तरफ पानी था।
हुस्नापुर गाँव के 36 साल के धान किसान हरज्ञान लोधी ने बताया कि बेतवा की एक सहायक नदी नेवन उनके खेत से कुछ ही मीटर दूर पर बहती है। उसमें आई बाढ़ ने उनकी खरीफ फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. वह अपनी इस फसल पर अब तक 70,000 रुपये खर्च कर चुके थे।
विदिशा के खारी गाँव में रहने वाले लोधी ने गाँव कनेक्शन को बताया, "अब क्या करना है, मुझे नहीं पता। मेरी धान की पूरी फसल बाढ़ के पानी में सड़ रही है। मेरे घर का सारा सामान पानी में खराब हो चुका है। हर तरफ नुकसान ही नुकसान नजर आ है।"
इसी तरह की शिकायत लोधी के पड़ोसी गोपाल सिंह रघुवंशी की भी थी. उन्होंने अपनी पांच बीघा जमीन में सोयाबीन की खेती की थी. उन्होंने गाँव कनेक्शन को बताया कि इस साल जितना नुकसान, पहले कभी नहीं हुआ था।
रघुवंशी ने कहा, "हालांकि फसल का कुछ हिस्सा, हर साल चरम मौसम की स्थिति के कारण खराब हो जाता था। लेकिन इस बार तो पूरी फसल ही बर्बाद हो गई। मेरे सोयाबीन के खेत में चारों ओर पानी भरा है। सब खत्म हो गया।"
बाढ़ से नुकसान का प्रारंभिक आकलन
विदिशा में जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, जिले के कुल 371 गांवों के लोग बाढ़ की चपेट में हैं. इसमें बताया गया कि जिले में कुल 13,165 लोग प्रशासन का ओर से दिए जाने वाले खाने के सामान पर निर्भर हैं।
बयान में कहा गया है, "जिले में 2,084 घर बाढ़ से पूरी तरह से और 3,879 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। साथ ही जिले में तालाबों के आसपास बने 233 तटबंधों को भी नुकसान पहुंचा है। लगभग 3,75,85,000 रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है।"
मजिस्ट्रेट कार्यालय ने इस बात को भी रेखांकित किया कि संबंधित अधिकारियों को बाढ़ का पानी कम होते ही, गांवों में स्वच्छता अभियान चलाने और बीमारियों के प्रकोप की जांच के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने के आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि, अभी तक जिला प्रशासन ने अपने प्रारंभिक आकलन में किसानों को हुए कृषि नुकसान का कोई जिक्र नहीं किया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 24 अगस्त को विदिशा और राजगढ़ के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा किया।
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "पानी अभी कम होना शुरू हुआ है, लेकिन बाढ़ के पानी को गांवों से पूरी तरह बाहर निकलने में अभी और समय लगेगा।"
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की वजह से भारी बारिश
जब गाँव कनेक्शन ने भोपाल में आईएमडी के क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क किया, तो जानकारी मिली कि अरब सागर के साथ-साथ बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र बनने से इस क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा हुई है।"
इतनी भारी बारिश के पीछे क्या वजह रही इसका कारण मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के वैज्ञानिक हरिशंकर पाण्डेय ने गाँव कनेक्शन को बताया" यहां एक साईकल सर्कुलशन का सिस्टम बना जो बंगाल की खाड़ी से मध्यप्रदेश से होकर राजस्थान की और होकर गुजरा जिसके कारण इतनी भारी बारिश यहां हुई।"
"इस तरह का सिस्टम अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनता है पर पहले ये सिस्टम मध्यप्रदेश के एक छोर से होकर गुजर जाता था पर इस बार साईकल सर्कुलशन का सिस्टम मध्यप्रदेश के केंद्र से होकर गुजरा और दो-तीन दिन रोका रहा जिसके कारण इतनी बारिश हुई। बहुत वर्षों के बाद बारिश का इतना मजबूत सिस्टम इस इलाके में बना है। इसके अलावा अरब सागर में भी बने दो तीन मजबूत सिस्टम इस इतनी बारिश के जिम्मेदार है, "हरिशंकर पाण्डेय ने आगे बताया।
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