और जब किसान की बाइक पर बैठ ओलावृष्टि का जायजा लेने पहुंच गए सिहोर के कलेक्टर, फोटो वायरल

Alok Singh BhadouriaAlok Singh Bhadouria   12 Feb 2018 1:55 PM GMT

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और जब किसान की बाइक पर बैठ ओलावृष्टि का जायजा लेने पहुंच गए सिहोर के कलेक्टर, फोटो वायरलमोटरसाइकिल की पिछली सीट पर बैठे कलेक्टर की फोटो खूब वायरल हुई

रविवार दोपहर हुई अचानक बारिश और ओलावृष्टि ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया। ओलों और तेज हवाओं से गेहूं-चने की फसलें खेतों में बिछ गईं, गेहूं की बालियां टूटकर बिखर गईं, काटकर रखे गए गेहूं के पूले भीग गए। यही हाल सरसों और मसूर का हुआ। किसानों और बर्बाद फसल की चिंता को दर्शाते, खेतों, सड़कों और गलियों में बिछी ओलों की सफेद चादर दिखाते विडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे।

इन सबके बीच एक ऐसा फोटो वायरल हुआ जो कुछ उम्मीद पैदा करता है। इस फोटो में मोटरसाइकिल की पिछली सीट पर एक दुबला-पतला शख्स बैठा है। अगल-बगल खेत हैं। इस शख्स के बारे में बताया गया कि ये सीहोर जिले के कलेक्टर तरुण कुमार पिथौडे हैं। जब लोग ओलों की बारिश के फोटो फेसबुक, ट्विटर पर शेयर कर रहे थे, उस समय तरुण जिला मुख्यालय छोड़कर ओलों की मार से बर्बाद फसलों की हालत देखने निकल पड़े थे। नसरुल्लागंज नगर पंचायत के पगारी गांव के एक किसान ने जब अपने खेत में चौपट पड़ी फसल दिखानी चाही तो तरुण उस किसान की बाइक पर बैठकर उसका खेत देखने चल पड़े। यह तस्वीर उसी समय की है। जब नौकरशाही के ठाठ-बाट और लालफीताशाही की वजह से होने वाली बेवजह की लेटलतीफी की खबरों से हम ऊब चुके हैं, मोटर साइकिल की पिछली सीट पर बैठे ऐसे युवा अफसर उम्मीद जगाते हैं कि सिस्टम में सब कुछ सड़ा नहीं है धीरे-धीरे ही सही पर बहुत कुछ सकारात्मक हो रहा है।

तरुण ग्राम पंचायत में पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनते हैं, वहीं समाधान करते हैं

तरुण जनता के बीच जाकर लोगों की समस्याएं सुनने और उनके फौरन निबटारे हेतु जल्द फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। इसके लिए वह तकनीक का बखूबी इस्तेमाल करते हैं। सितंबर 2017 में उन्होंने जिले में संचालित सभी आंगनबाड़ियों के केंद्रों पर ई-निरीक्षण व्यवस्था लागू कर दी। ई-निरीक्षण में आंगनबाड़ियों के समय से संचालन, पोषण आहार वितरण, स्वच्छता और कुपोषित बच्चों की मॉनीटरिंग शामिल है। इसके परिणाम भी बेहतर आ रहे हैं। दूरदराज के केंद्रों में जहां रोजाना मॉनीटरिंग मुमकिन नहीं थी वहां इस व्यवस्था के जरिए उन पर नजर रखी जा रही है। तरुण खुद गांव वालों से सीधे संवाद के लिए काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। वह उनकी ग्राम पंचायत में पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनते हैं और वहीं संबंधित अफसरों से बातकरके उनका निपटान करते हैं।

इसी तरह 10 दिसंबर 2017 को कड़कड़ाती सर्दी में कलेक्टर तरुण 6 हजार से ज्यादा लोगों के साथ टाउन हॉल से लेकर चर्च मैदान तक दौड़े। मंशा थी शहर में स्वच्छता और पर्यावरण बचाने को लेकर जागरूकता फैलाना।

यह ऐप एक डिजिटल मंच है जो किसानों और फसलों के खरीददारों को जोड़ता है

फरवरी 2018 में तरुण ने सीहोर कृषि बाजार मोबाइल ऐप लॉन्च किया। यह ऐप तरुण का ही आइडिया है। उन्हें काफी समय से लग रहा था कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है। इसके अलावा वह चाहते थे कि उपभोक्ताओं को भी अच्छी क्वॉलिटी का सामान मिले साथ ही बिचौलियों की भूमिका भी सीमित रहे। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर तरुण ने सीहोर कृषि बाजार मोबाइल ऐप को विकसित करने के लिए एनआईसी और जिला ई गवर्नेंस की मदद ली। इस ऐप को एंड्रायड फोन में गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर इंस्टाल किया जाता है।

ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और यूपी के कई इलाकों में ओलावृष्टि, अगले दो दिन हो सकती है बारिश

तरुण कुमार पिथौडे 2009 बैच के आईएएस अफसर हैं। उनकी ऑल इंडिया 7वीं रैंक आई थी। इससे पहले उन्होंने अपने करियर की शुरूआत जीई इंडिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर की थी। इसके बाद उन्होंने सेंट्रल रेलवे में असिस्टेंट सिग्नलिंग एंड टेलिकॉम इंजीनियर के पद पर काम किया। छिंदवाड़ा में जन्मे तरुण बचपन से ही आईएएस बनना चाहते थे। तब वह सोचा करते थे कि आईएएस बनकर बदहाल सड़कों की हालत सुधारुंगा। तरुण ने कई किताबें भी लिखी हैं।

   

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