महाराष्ट्र के 7 करोड़ लोगों को मई से नवंबर 2021 तक PMGKAY के तहत मिलेगा करीब 21 लाख मीट्रिक टन मुफ्त खाद्यान
कोविड-19 से उपजे संकटों को देखते हुए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत नवंबर 2021 तक 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 किलो अतिरिक्त मुफ्त अनाज दे रही है। महाराष्ट्र में इस योजना से करीब 7 करोड़ और गोवा में साढ़े 5 लाख लोगों को फायदा मिल रहा है।
गाँव कनेक्शन 6 July 2021 8:08 AM GMT
FCI के मुताबिक महाराष्ट्र में 7 करोड़ परिवारों को दिया जा रहा है मुफ्त राशन। फोटो- अरेंजमेंट
मुंबई (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र में मई-जून महीने में प्रदेश के 7 करोड़ लोगों को करीब 6.25 लाख मीट्रिक टन खाद्यान मुफ्त में दिया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रदेश के लिए 2 महीनों के लिए 7 लाख मीट्रिक टन अनाज आवंटित किया गया था। मुफ्त राशन की योजना पहले मई-जून दो महीने के लिए थी लेकिन केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के तहत अब प्रदेश 7 करोड़ लोगों को नवंबर तक मुफ्त राशन मिलेगा।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के बयान के अनुसार मई-जून 2021 में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान महाराष्ट्र के लगभग 7 करोड़ और गोवा के 5.32 लाख लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) से लाभ हुआ है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) पीएमजीकेएवाई योजना को लागू करने में सबसे आगे रहा है और उसने पहले ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार रखा है।
भारतीय खाद्य निगम की महाप्रबंधक के पी आशा ने 5 जुलाई को मुंबई में मीडियो को बताया कि "मई-जून 2021 के दौरान 3.68 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 2.57 लाख मीट्रिक टन चावल वितरित किया गया है। इस योजना के तहत महाराष्ट्र के लिए दो महीने की अवधि के लिए 7 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया था।"
2011 की जनगणना के अनुसार महाराष्ट्र की आबादी करीब 11.23 करोड़ है। प्रदेश के 36 जिलों में उचित मूल्य राशन (सरकार कोटे) दुकानों की संख्या 51596 है। जबकि कुल लाभार्थियों की संख्या सात (7) करोड़ है। इनमें 5.9 करोड़ परिवार प्राथमिकता (Priority Households ) हैं, जबकि अंत्योदय अन्न योजना (AAY) की संख्या 1.08 करोड़ है।
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मुंबई में भारतीय खाद्य निगम की महाप्रबंधक के पी आशा और पश्चिम क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक आर पी. सिंह ने बताया किस तरह कोविड प्रोटोकाल का पालन कर पहुंचाया जा रहा है राशन। फोटो- PIB
इस दौरान भारतीय खाद्य निगम के पश्चिम क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक आर पी. सिंह ने कहा, "सरकार ने अब इस योजना को और पांच महीने के लिए बढ़ा दिया है और भारतीय खाद्य निगम ने आवश्यकता को पूरा करने के लिए खाद्यान्न की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी है। इसके लिए पहले से ही 11.02 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 6.65 लाख मीट्रिक टन चावल है। महाराष्ट्र और गोवा के सभी राजस्व जिलों में निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 1.5 लाख मीट्रिक टन चावल की और अधिक सहायता दी गई है।"
सिंह ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा समय पर की गई कार्रवाई से खाद्यान्नों के आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में कोई व्यवधान नहीं हुआ। लोगों, मीडिया या राज्य प्रशासन से कोई शिकायत नहीं मिली। उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम के अपने या किराए के डिपो में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न हमेशा उपलब्ध कराया जाता था।
उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम खाद्यान्न भंडारों को संभालते हुए सोशल डिस्टेंसिंग, कार्यालयों और डिपो में मास्क पहनने, हाथ की स्वच्छता और परिसरों के बार-बार स्वच्छता जैसे सभी कोविड-19 उपयुक्त प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 जून को पीएमजीकेएवाई योजना को नवंबर तक बढ़ाने को मंजूरी दी थी, ताकि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न आर्थिक व्यवधान के कारण गरीबों को होने वाली परेशानी को कम किया जा सके। इस कदम का उद्देश्य देश भर में 80 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचाने, प्रतिमाह 5 किलो गेहूं या चावल बांटने का है। इस कदम से 67,266 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रभाव पड़ता है। खाद्यान्नों का अतिरिक्त निशुल्क आवंटन एनएफएसए के अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों के लिए आवंटित नियमित मासिक खाद्यान्न से अधिक होगा।
उपभोक्ताा कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के बयान के अनुसार पीएमजीकेएवाई कार्यक्रम को महामारी के समय गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम की प्रशंसा भी मिली है। डब्ल्यूएफपी (WFP) इस योजना का अध्ययन करने के लिए उत्सुक है ताकि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं को इसके डिजाइन और क्रियान्वयन से लाभ मिल सके।
7 crore people in Maharashtra and 5.32 lakhs people of Goa have benefited under #PradhanMantriGaribKalyanAnnaYojana, from May 2021 onwards - Shri R. P. Singh, Executive Director (West Zone), @FCI_India, addressing the media about implementation of the scheme, in Mumbai today pic.twitter.com/p3uMgRfvbR
— PIB in Maharashtra 🇮🇳 (@PIBMumbai) July 5, 2021
एनएफएसए के तहत मिलने वाले राशन के देने होंगे पैसे, लेकिन ये 5 किलो है मुफ्त
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का राशन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिलने वाले राशन से अलग है और मुफ्त है। यानि आपको पहले से राशन मिलता आ रहा है वो मिलता रहेगा लेकिन उसके लिए कितने पैसे देने होंगे ये राज्य सरकार पर निर्भर करता है। कई राज्यों ने पूरी तरह मुफ्त कर दिया है, जबकि कई राज्यों एनएफएसए के तहत निर्धारित पैसे लेते रहेंगे। पहले ये जान लीजिए कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत दो तरह से राशन मिलता है।
पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारक (Priority Households) इस तरह के कार्ड धारक को 5 किलो राशन प्रति यूनिट मिलता है। जिसमें चावल और गेहूं दोनों या फिर एक हो सकते हैं। चावल के लिए राशनकार्ड धारक 3 रुपए प्रति किलो है जबकि गेहूं के लिए 2 रुपए का रेट कोटेदार (सरकारी राशन कार्ड दुकानदार) को देने होते हैं। अंत्योदय कार्ड धारक (AAY) इस तरह के कार्डधारक लाभार्थी परिवार को 35 किलो राशन मिलता है। परिवार में लोग कितने हैं इससे फर्क नहीं पड़ता है। इस संबंध में पूरी खबर यहां पढ़ें-
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