रेडियो पर सुनाई जा रही वीरों की गाथा
Ashwani Nigam 17 Oct 2016 12:47 PM GMT
लखनऊ। हमारी रक्षा के लिए सेना के जवान कैसे भूखे- प्यासे रहकर अपनी जान की परवाह किये बिना काम करते हैं, इसमें से कुछ जवान तो रक्षा करते हुए शहीद भी हो जाते हैं। ऐसे में कैसे होती है उन पुलिस वालों की जिंदगी। उनका परिवार और उनके मां-बाप किस हालत का सामना करते हैं। यह जानने के लिए आप रेडियो 93.5 रेड एफएम का ट्यून कीजिए और सुनिए यूपी के उन शहीद बहादुर पुलिस कर्मियों की गाथा।
पुलिस स्मृति दिवस को लेकर यूपी पुलिस ने एक पहल की है जिसमें 21 अक्टूबर पुलिस स्मृति दिवस तक हर दिन एक शहीद पुलिस की वीरगाथा का प्रसारण किया जाएगा। यूपी पुलिस के महानिदेशक जावीद अहमद की पहल पर पुलिस स्मृति दिवस 21 अक्टूबर 2016 को यादगार बनाने के लिए यूपी पुलिस के शहीदों के वीरतापूर्वक कामों को को इलेक्ट्रानिक मीडिया, रेडियो और सोशल मीडिया के जरिये प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है।
21 अक्टूबर 2016 को देशभर में शहीदों की याद में पुलिस लाइन्स में मनाया जाता है। 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख के 15 हजार फिट ऊपर हिमाच्छादित जनहीन क्षेत्र में ‘केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस’ के 10 वीर जवानों ने साधारण शस्त्रों के बल पर स्वचालित हथियारों, मोर्टारों से लैस चीनी सैनिकों का मुकाबला करते हुये अदम्य साहस दिखाते हुए मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहूति दे दी थी।
उनकी इस कुर्बानी को सलाम करते हुए पूरे देश में इस दिन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों का सम्मान भी किया जाता है। इस साल भी इस दिन लखनऊ के पुलिस लाइन में एक कार्यक्रम का आयेाजन किया जा रहा है। एफएम चैनल पर पहली बार शहीद की गाथा सुनाए जाने से शहीद के परिजन भी खुश नजर आ रहे हैं।
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