संगीतकार की योग्यता उसके घर के पते से मापते थे साहिर लुधियानवी

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संगीतकार की योग्यता उसके घर के पते से मापते थे साहिर लुधियानवीसाहिर लुधियानवी

प्रसिद्ध शायर और गीतकार साहिर लुधियानवी का जन्म 8 मार्च 1921 में लुधियाना में हुआ था। आज साहिर लुधियानवी की जन्मदिन के मौके पर पढ़िए उनकी ज़िंदगी से जुड़े कुछ रोचक किस्से।

साहिर का पहला गीत जिसने बर्मन-साहिर जोड़ी की नींव रखी

साहिर लुधियानवी को बंबई के शुरू के दिनों में जब उन्हें कोई काम नहीं मिला तो उनके दोस्त मोहन सहगल ने उन्हें बताया कि मशहूर संगीतकार एसडी बर्मन एक गीतकार की तलाश में हैं। उस समय बर्मन ने खार में ग्रीन होटल में एक कमरा ले रखा था। उसके बाहर 'प्लीज़ डू नॉट डिस्टर्ब' का साइन लगा हुआ था। इसके बावजूद साहिर सीधे बर्मन के कमरे में घुस गए और अपना परिचय कराया। एसडी बर्मन चूंकि बंगाली थे, इसलिए उर्दू साहित्य में साहिर के क़द के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसके बावजूद उन्होंने साहिर को एक धुन दी, फ़िल्म की सिचुएशन समझाई और एक गीत लिखने के लिए दिया। साहिर ने बर्मन से वो धुन एक बार फिर से सुनाने के लिए कहा। जैसे ही बर्मन ने उसे हारमोनियम पर बजाना शुरू किया साहिर ने लिखा, ''ठंडी हवाएं, लहरा के आंए, रुत है जवाँ, तुम हो यहाँ, कैसे भुलाएं।'' लता मंगेशकर के गाए इस गीत ने बर्मन-साहिर जोड़ी की नींव रखी जो कई सालों तक चली।

संगीतकार की योग्यता उसके घर के पते से मापते थे साहिर

साहिर को लिफ़्ट इस्तेमाल करने से डर लगता था। जब भी यश चोपड़ा उन्हें किसी संगीतकार के साथ काम करने की सलाह देते तो वो उस संगीतकार की योग्यता उसके घर के पते से मापते थे। वो कहते कि अरे नहीं नहीं, वो ग्यारहवीं मंज़िल पर रहता है, जाने दीजिए छोड़िए। इसको लीजिए... ये ग्राउंड फ़्लोर पर रहता है।''

मज़े की बात है कि यश चोपड़ा साहिर की बात सुना करते थे। लिफ़्ट की तरह साहिर को जहाज़ पर उड़ने से भी डर लगता था। वो हर जगह कार से जाते थे। उनके पीछे एक और कार चला करती थी कि कहीं जिस कार में वो सफ़र कर रहे हैं वो ख़राब न हो जाए।

जब डाकुओं ने साहिर को बंधक बनाकर छोड़दिया

एक बार वो कार से लुधियाना जा रहे थे। मशहूर उपन्यासकार कृश्न चंदर भी उनके साथ थे। शिवपुरी के पास डाकू मान सिंह ने उनकी कार रोक कर उसमें सवार सभी लोगों को बंधक बना लिया। जब साहिर ने उन्हें बताया कि उन्होंने ही डाकुओं के जीवन पर बनी फ़िल्म 'मुझे जीने दो' के गाने लिखे थे तो उन्होंने उन्हें इज़्ज़त से जाने दिया था।

sahir ludhianvi Songwriter Sahir Ludhianvi Death Anniversary 

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