मनरेगा में सौ दिन के बजाय एक सौ दस दिन चला काम

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
मनरेगा में सौ दिन के बजाय एक सौ दस दिन चला काममनरेगा रोजगार,

हरदोई। ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए संचालित महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में पारदर्शिता के बाद भी अधिकारियों ने लूट का रास्ता निकाल लिया है। साल में एक परिवार को सौ दिन के रोजगार की गारंटी के बावजूद जिले के दो ब्लॉकों के छह गाँवों में सौ दिन की बजाय 110 तक का रोजगार दिया गया है।

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के जाब कार्ड धारक परिवार के सदस्यों को साल में सौ दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। साथ ही यह प्रतिबंध भी है कि सौ दिन से अधिक रोजगार दिए जाने पर संबंधित ब्लॉक बीडीओ के वेतन से मजदूरी के भुगतान की वसूली की जाएगी। मनरेगा में दिए जाने वाले रोजगार से लेकर कराए जाने वाले कार्यों में कई स्तर पर पारदर्शिता की व्यवस्था भी दी गई है। पारदर्शिता की व्यवस्था के बावजूद अधिनियम की अनदेखी करते हुए चालू वित्तीय वर्ष सोमवार को 102 पूरे होने के बाद भी परिवारों को सौ दिन के जगह पर 110 तक काम दे दिया गया।

जांच कर होगी कार्रवाई

सीडीओ राधेश्याम बताते हैं, “सभी जाब कार्ड धारकों को रोजगार दिया जाना है। एक जाब कार्ड या परिवार को अधिकतम सौ दिन के रोजगार से अधिक रोजगार और भुगतान करने वाले कार्यक्रम अधिकारियों की जांच कराई जाएगी। 100 दिन से अधिक के भुगतान की राशि की वसूली संबंधित अधिकारी से करायी जाएगी।”

केस- 1

हरदोई जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर अहरोरी ब्लाक के अकबरपुर गाँव में दो व्यक्तियों वाले परिवार को एक सौ आठ दिन, गोवर्धनपुर में रघुबीर को एक सौ दस दिन, नयागांव देवरिया में राजेश यादव को एक सौ छह दिन और विक्टोरिया गंज में एक सौ बारह दिन का काम एक ही जाब कार्ड पर दिया जा चुका है। गोवर्धनपुर के निवासी रघुबीर (40 वर्ष) बताते है, “मुझसे ग्राम प्रधान काम पर जाने को कहते हैं। इसलिए मैं रोज काम पर जाता हूं।” 

केस- 2

हरदोई जिला मुख्यालय लगभग 42 किमी दूर हरियावां ब्लॉक के संधिनावा गाँव में रामबाबू, रमेश और कई लोगों से एक सौ पांच दिन का काम लिया जा चुका है। संधिनावा गाँव के निवासी रमेश (35 वर्ष) बताते हैं, “मैं अपने घर में अकेला कमाने वाला हूँ। मनरेगा में काम करके हम अपने परिवार का पेट भरते हैं। पिछले दो महीने से मनरेगा का पैसा नहीं आया है और काम करते-करते हमें सौ से अधिक दिन हो गया है। लेकिन अब तक पैसा नहीं आया है।”

रिपोर्टर - सतीश कुमार सिंह

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.