मस्ती की पाठशाला बनी कोचिंग संस्थाएं

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मस्ती की पाठशाला बनी कोचिंग संस्थाएंगाँव चौपाल

एटा। कक्षा 10 के छात्र आशीष ने पिछले दिनों एक कोचिंग संस्थान में प्रवेश लिया। पहले दिन तो पढ़ाई हुई, लेकिन इसके बाद आए दिन कोचिंग में मौज मस्ती और पार्टी का दौर चलने लगा। कभी किसी की बर्थडे पार्टी होती, तो कभी किसी की। साथ में गुरू जी भी पार्टी देने लगे। आशीष को कुछ समझ न आया और उसने कोचिंग छोड़ दी।

इन दिनों शहर में कोचिंग सेंटरों की बाढ़ आई हुई है। हर गली-मुहल्ले में कोचिंग सेंटर खुल गए हैं। अच्छी शिक्षा और शत प्रतिशत सफलता का वादा करने वाले कोचिंग सेंटरों की हकीकत कुछ और ही है। समय बदलने के साथ कोचिंग सेंटरों का रूप बदला तो पढ़ाई का तरीका बदल गया है। अब यहां पढ़ाई कम मौज मस्ती ज्यादा होती है। युवा भी मस्ती करने के लिए ही कोचिंग सेंटरों का रुख कर रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर इंटरमीडिएट के एक छात्र वरुण ने भी स्कूल के ही एक शिक्षक से कोचिंग पढऩा शुरू किया। कुछ दिन बाद शिक्षक ने सभी बच्चों को टूर पर ले जाने की बात कही। बच्चों ने टूर पर जाने की तैयारी शुरू कर दी। वरुण के अभिभावकों ने उसे टूर पर भेजने से मना कर दिया। 

शहर के ही एक शिक्षक आलोक त्रिवेदी बताते है, "कोचिंग में बच्चे वही पढ़ते हैं, जो उन्हें स्कूल में पढ़ाया जाता है लेकिन ये अनिवार्यता नहीं है। बदलते दौर में कोचिंग का महत्व कुछ ज्यादा बढ़ गया है। इससे बच्चे मूल पढ़ाई से दूर हट रहे हैं। इसलिए कोचिंग सेंटर में प्रवेश से पहले सही चुनाव जरूरी है।"

नहीं होता कोचिंग एक्ट का पालन

कक्षा 6 से लेकर स्नातकोत्तर तक विद्यार्थियों को सामूहिक रूप से ट्यूशन पढ़ाने की प्रक्रिया कोचिंग के तहत है। संचालक को छात्र संख्या के अनुरूप विभाग में निर्धारित शुल्क जमा कर पंजीकरण जरूरी है। उल्लंघन पर एक लाख जुर्माना या एक साल की सजा हो सकती है, लेकिन शहर में ज्यादातर कोचिंग संस्थानों में एक्ट का प्रभावी पालन नहीं होता। 

रिहायशी इलाकों में खुले कोचिंग सेंटर

शहर में अधिकांश कोचिंग सेंटर रिहायशी इलाकों में खुले हुए हैं। शहर का शांतिनगर तो कोचिंग संस्थानों का बड़ा हब बन चुका है। इसके साथ ही महाराणा प्रताप नगर, काली मंदिर रोड, पुरानी बस्ती, प्रेमनगर, गांधी मार्केट, नारायन नगर, सराय मिश्र समेत तमाम स्थानों पर कोचिंग सेंटर खुले हुए हैं।

एटा जिले में ही संचालित एक कोचिंग सेंटर के संचालक शिवम दिवाकर बताते है, "कोचिंग सेंटर एक अतिरिक्त कक्षा होती है। जहां बच्चों को स्कूली कक्षा से हटकर ज्ञान दिया जाता है। इसके लिए शैक्षिक ज्ञान से हटकर अन्य गतिविधियां संचालित की जाती हैं, लेकिन इसका दुरुपयोग न किया जाए।"

यह है निर्धारित पंजीकरण शुल्क

छात्र संख्या      शुल्क रुपये

10               250

20              1000

40              4000

50              5000

100            10000

200            20000

अधिकतम      25000 

महज 80 संस्थान ही पंजीकृत

शहर में कोचिंग सेंटरों की बाढ़ आई हुई है, लेकिन माध्यमिक शिक्षक विभाग के पास महज 80 संस्थान ही पंजीकृत हैं। 

"कोचिंग सेंटर खोलने से पहले विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। शहर में कोचिंग सेंटरों की जांच को जल्द अभियान चलाया जाएगा। वहीं अपंजीकृत कोचिंग संस्थानों के खिलाफ  कार्रवाई की जाएगी", मनोज कुमार गिरि जिला विद्यालय निरीक्षक एटा

रिपोर्टर- बबिता जैन 

 

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