लड़की की गुहार पर महिला हेल्प लाइन ने कराई शादी

Neetu SinghNeetu Singh   3 May 2017 5:16 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
लड़की की गुहार पर महिला हेल्प लाइन ने कराई शादीडीपीओ सर्वेश पाण्डेय की देखरेख में संपन्न हुआ विवाह। 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। “तीन साल से हम एक-दूसरे को जानते हैं और पसंद करते हैं। लिवइन रिलेशनशिप में रहने के बाद मेरे दोस्त के घर वाले शादी करने को तैयार नहीं थे। सात मई को लड़के की शादी बाराबंकी में तय हो गयी तब मैंने महिला हेल्पलाइन में फोन किया। टीम ने तुरंत आकर हमारी मदद की और 1 मई को अलीगंज आर्य समाज मन्दिर में हमारी शादी को गयी।” ये कहना है कंचन (26 वर्ष) का।

लखनऊ के आशियाना में तीन साल से एक लड़का-लड़की एक साथ रहते थे। एक जगह काम करने के दौरान दोनों में प्रेम हो गया। लड़का उन्नाव जनपद का और लड़की लखनऊ की रहने वाली थी। इंटरकास्ट होने की वजह से लड़के के परिवार वाले शादी के लिए तैयार नहीं थे। कंचन का कहना है, “मुझे बिना बताये शादी तय हो गयी।

देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

लड़के ने हमारा फ़ोन उठाना बंद कर दिया। उसके घर वाले बात करने को तैयार नहीं थे। सात मई तारीख नजदीक आते ही मैं परेशान हो गयी थी। मैंने 181 पर फ़ोन किया।” वो आगे बताती हैं, “टीम आफिस गयी, लड़के और उसके पिता को बुलाकर समझाया गया, इस टीम ने मेरी बहुत मदद की। अलीगंज आर्य समाज मन्दिर में एक मई को हमारी शादी करा दी और रजिस्टार आफिस से रजिस्टर्ड भी करवा दिया गया।”

कंचन का कहना है कि वो महिला थाना, सरोजनी नगर थाना गयी, पर कहीं सुनवाई नहीं हुई, अंत में मैंने आशा ज्योति केंद्र की शरण ली जहाँ मुझे न्याय मिला। लखनऊ के जिला परिवीक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार पाण्डेय ने बताया, “इस तरह के केस में हमारी कोशिश रहती है कि दोनों पक्ष आमने-सामने आये और अपनी-अपनी बात रखें, रिश्ते सलामत रहें। दोनों पक्ष की बातचीत सुनने के बाद ही फैसला लिया जाता है। आशा ज्योति केंद्र की देखरेख में ये पूरी प्रक्रिया सम्पन्न हुई।”

आशा ज्योति केंद्र की सामाजिक कार्यकर्ता अर्चना सिंह ने बताया, “लड़की कुम्हार जाति की थी और लड़का ब्राह्मण था इसलिए लड़के के परिवार वाले शादी के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे। लड़की को लड़के के किसी दोस्त से शादी का कार्ड मिला। तब उसने 181 पर फ़ोन किया और अपनी परेशानी बतायी।” वो आगे बताती हैं, “आशा ज्योति केंद्र में दोनों पक्षों को बुलाकर काउंसलिंग की गयी, सभी की सहमति से एक मई को शादी सम्पन्न हुई।”

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.