पानी के लिए तरस रहे मरीज और तीमारदार

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पानी के लिए तरस रहे मरीज और तीमारदारgaonconnection

लखनऊ। राजधानी के बड़े अस्पतालों में मरीजों व तीमारदारों को काफी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी के क्वीन मेरी अस्पताल में मरीजों संग तीमारदार बढ़ती गर्मी के बीच पीने के पानी के लिए परेशान दिखाई दिए। 

 यही नहीं अस्पताल के मुख्य गेट के अंदर बनी फर्श की खुदाई होने से वहां दिन-रात बैठ कर मरीज के ठीक होने का इंतजार करने वाले तीमारदारों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

हरदोई दलपत खेड़ा निवासी तीमारदार रमावती ने बताया, “मेरी भाभी का अस्पताल में पांच दिन पहले ऑपरेशन हुआ है। ऐसे में हम अपने अस्पताल गेट के पास बनी फर्श पर रात में सो जाते थे पर अब फर्श तोड़ी जा रही है ऐसे में अब हम इस शहर में कहां रहने का ठिकाना ढूंढेंगे।”

वहीं अस्पताल में जहां तीमारदारों के बैठने के लिए स्थान बनाया गया है, वहां पहले से ही इतने लोग हैं कि तिल रखने की भी जगह नहीं बची है। ऐसे में मजबूरन एक कोने में बैठकर काम चला रहे हैं। रमावती ने बताया कि यहां ऐसी गर्मी में पीने का पानी भी चला जाता है। दो दिन से पानी का तो बहुत ही बुरा हाल है। वाटर पंप खराब होने से टंकी नहीं भर पा रही है, मजबूरी में बाहर से पानी खरीद कर ला रहे हैं। बाराबंकी निवासी तीमारदार महिला सुधा ने बताया कि पानी की किल्लत के साथ बिजली भी बहुत जा रही है। रात में अंधेरे में बैठना पड़ता है। ऐसे में किसी भी प्रकार की भी अनहोनी घटना होने का डर लगा रहता है

दवा देने में दिखा रहे आनाकानी

पेशे से मजदूर आशियाना निवासी महिला सुरेखा बताती हैं कि पिछले माह छह तारीख को उसे ऑपरेशन से बेटी हुई थी। घर जाते ही ऑपरेशन में लगे टांकों में मवाद पड़ना शुरू हो गई है। ऐसे में दोबारा दिखाने आए हैं। उसके पति श्रवण कुमार व कोकोरी निवासी प्रकाश ने बताया कि अस्पताल में दवा वितरण कक्ष से दवाएं भी नही दी रहीं हैं। कहा जाता है यहां यह दवा नहीं हैं, बाहर जाकर ले लो। आयरन, कैल्शियम व जिंक एवं ब्रुफेन जैसी आम दवाइयों के लिए मरीजों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। दवाखाने में कर्मचारी ने बताया कि कभी-कभी कुछ दवाएं स्टोर में उपलब्ध नहीं होती। अक्सर मरीज इस बात की शिकायत करते हैं कि जब कुछ दवाएं अस्पताल से दे दी जाती हैं तो बाहर के दवाखानों पर बाकी की दवाएं देने से दुकानदार मना करते हैं। इसलिए हम लोग ऐसा करते हैं। क्या कहते हैं अधिकारी 

क्वीनमेरी अस्पताल की विभागाध्यक्ष विनीतादास ने बताया कि दवा देने में अगर इस प्रकार की लापरवाही कह जा रही है तो इसकी जांच होगी। वहीं अक्सर घरों में भी ऐसा होता है जब पानी व बिजली की समस्या पैदा हो जाती है, इसलिए अस्पताल में ऐसा होना कोई बहुत बड़ा मुद्दा नही है।

 वहीं क्वीन मेरी गेट के पास अंडरग्राउंड पार्किंग का निर्माण होने जा रहा है इसलिए तोड़-फोड़ की जा रही है। वैसे भी तीमारदारों के लिए बने स्थान पर ही उन्हें सोना व रुकना चाहिए। अस्पताल के नियम के अनुसार हर कहीं सोने व बैठने का स्थान बनाने का तीमारदारों को कोई अधिकार नहीं है।

 

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