निर्वाचन आयोग ने जारी किया प्रज्ञा ठाकुर को कारण बताओ नोटिस
गाँव कनेक्शन | Apr 20, 2019, 11:06 IST
लखनऊ। प्रज्ञा सिंह ठाकुर को आज कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नर्विाचन आयोग ने 26/11 के मुम्बई आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के बारे में दिये गये बयान पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को आज कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
29 सितम्बर, 2008 को मालेगांव में हुये बम धमाकों के मामले में प्रज्ञा आरोपी हैं और तकरीबन 9 साल जेल में रही हैं। इस मामले में वह फिलहाल जमानत पर रिहा हैं।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, जिला नर्विाचन अधिकारी एवं भोपाल कलेक्टर सुदाम खाड़े ने शनिवार को बताया, "हमने इस बयान पर स्वत: संज्ञान लिया है और इस मामले में सहायक नर्विाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।"
खाड़े ने बताया कि हमने आचार संहिता के दौरान इस कार्यक्रम के आयोजक को कुछ शर्तों पर कार्यक्रम करने की अनुमति दी थी। गुरूवार शाम को भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में मुम्बई एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे पर जेल में यातना देने का आरोप लगाते हुए प्रज्ञा ने कहा था कि मैंने करकरे को सर्वनाश होने का श्राप दिया था और इसके सवा महीने बाद आतंकवादियों ने उन्हें मार दिया। हालांकि, इस बयान के एक दिन बाद चारों तरफ से आलोचना होने के बाद प्रज्ञा ने अपना बयान वापस ले लिया था और माफी भी मांग ली थी।
भाजपा ने भी इस बयान पर सफाई पेश करते हुए कहा था कि "भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय श्री हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। भाजपा ने हमेशा उन्हें शहीद माना है।"
हेमंत करकरे मुम्बई एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वैड) के प्रमुख थे। साल 2008 में मुम्बई में हुई एक आतंकवादी घटना में उनकी मौत हो गई थी। साल 2008 में ही वो एटीस प्रमुख बने और मालेगांव हमले की जांच कर रहे थे। 26 जनवरी 2009 को उनकी बहादुरी के लिए भारत सरकार ने उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया था।
29 सितम्बर, 2008 को मालेगांव में हुये बम धमाकों के मामले में प्रज्ञा आरोपी हैं और तकरीबन 9 साल जेल में रही हैं। इस मामले में वह फिलहाल जमानत पर रिहा हैं।
Bhopal: A notice has been issued to Pragya Singh Thakur by District Election Officer and Collector under model code of conduct seeking an explanation from her for her comment on Late Hemant Karkare within a day. (File pic) pic.twitter.com/cqnjQwRIRN
— ANI (@ANI) April 20, 2019
खाड़े ने बताया कि हमने आचार संहिता के दौरान इस कार्यक्रम के आयोजक को कुछ शर्तों पर कार्यक्रम करने की अनुमति दी थी। गुरूवार शाम को भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में मुम्बई एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे पर जेल में यातना देने का आरोप लगाते हुए प्रज्ञा ने कहा था कि मैंने करकरे को सर्वनाश होने का श्राप दिया था और इसके सवा महीने बाद आतंकवादियों ने उन्हें मार दिया। हालांकि, इस बयान के एक दिन बाद चारों तरफ से आलोचना होने के बाद प्रज्ञा ने अपना बयान वापस ले लिया था और माफी भी मांग ली थी।
भाजपा ने भी इस बयान पर सफाई पेश करते हुए कहा था कि "भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय श्री हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। भाजपा ने हमेशा उन्हें शहीद माना है।"
हेमंत करकरे मुम्बई एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वैड) के प्रमुख थे। साल 2008 में मुम्बई में हुई एक आतंकवादी घटना में उनकी मौत हो गई थी। साल 2008 में ही वो एटीस प्रमुख बने और मालेगांव हमले की जांच कर रहे थे। 26 जनवरी 2009 को उनकी बहादुरी के लिए भारत सरकार ने उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया था।