साध्वी प्रज्ञा के बयान पर भाजपा की सफाई: 'हेमंत करकरे को हमेशा शहीद माना'
साध्वी प्रज्ञा के विवादित बयान पर भाजपा ने सफाई पेश की है। उनके खिलाफ मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज हुई है। प्रज्ञा ने पत्रकारों से बात करते हुए एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को शाप देने की बात कही थी।
गाँव कनेक्शन 19 April 2019 12:06 PM GMT
लखनऊ। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से सांसद पद की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने सफाई देते हुए कहा कि, "ये उनके निजी विचार हैं। भाजपा ने श्री हेमंत करकरे को हमेशा शहीद माना है।"
साध्वी प्रज्ञा ने 19 अप्रैल की सुबह पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि उनके शाप के कारण हेमंत करकरे की मौत हुई। "मैंने हेमंत करकरे से कहा था कि तु्म्हारा सर्वनाश होगा।"
उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज हुई है।
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि, "भोपाल से भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के 26/11 आतंकवादी हमले में शहीद हुए एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे पर दिए बयान के खिलाफ शिकायत मिली है। मामले को संज्ञान में ले लिया गया है और जांच जारी है।"
Madhya Pradesh Chief Electoral Officer: Complaint received against BJP Lok Sabha candidate for Bhopal, Pragya Singh Thakur, for her comments on 26/11 martyr (former Mumbai ATS Chief Hemant Karkare). Cognizance taken. The matter is under enquiry. (File pic of Pragya Singh Thakur) pic.twitter.com/CiHl0a1WgD
— ANI (@ANI) April 19, 2019
प्रज्ञा ठाकुर ने पत्रकारों को दिए बयान में कहा था कि, "जो सुरक्षा जांच बिठाई गई थी उन्होंने हेमंत करकरे को मुंबई बुलाया। तब मैं मुम्बई जेल में थी। उन्होंने कहा कि सबूत नहीं हैं तो साध्वी को छोड़ दो। हेमंत करकरे ने कहा, 'मैं सबूत लाऊंगा, कुछ भी करूंगा लेकिन साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।' ये उसकी कुटिलता थी। ये देशद्रोह था, ये धर्म विरूद्ध था। उसने मुझसे तमाम प्रश्न किए, ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ? मैंने कहा मुझे क्या पता, भगवान जाने क्यों हुआ। उसने कहा क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा तो मैंने कहा कि बिल्कुल, अगर आपको आवश्यकता है तो अवश्य जाना पड़ेगा।"
प्रज्ञा कहती हैं-
"मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी उस दिन से इसके सूतक लग गया और ठीक सवा महीने में जिस दिन इसे आतंकवादियों ने मारा सूतक का अन्त हो गया।"
#WATCH Pragya Singh Thakur:Maine kaha tera (Mumbai ATS chief late Hemant Karkare) sarvanash hoga.Theek sava mahine mein sutak lagta hai. Jis din main gayi thi us din iske sutak lag gaya tha.Aur theek sava mahine mein jis din atankwadiyon ne isko maara, us din uska anth hua (18.4) pic.twitter.com/COqhEW2Bnc
— ANI (@ANI) April 19, 2019
हेमंत करकरे मुम्बई एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वैड) के प्रमुख थे। साल 2008 में मुम्बई में हुई एक आतंकवादी घटना में उनकी मौत हो गई थी। साल 2008 में ही वो एटीस प्रमुख बने और मालेगांव हमले की जांच कर रहे थे। 26 जनवरी 2009 को उनकी बहादुरी के लिए भारत सरकार ने उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया था।
इस मामले में भाजपा ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि, "भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय श्री हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। भाजपा ने हमेशा उन्हें शहीद माना है।"
"जहां तक साध्वी प्रज्ञा के इस संदर्भ में बयान का विषय है, वह उनका निजी बयान है जो वर्षों तक उन्हें हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया गया होग," - भाजपा ने आगे लिखा।
BJP releases statement over the remarks made against late Hemant Karkare by BJP LS candidate for Bhopal, Pragya Thakur; says, "BJP considers him a martyr. This is Sadhvi Pragya's personal statement which she might have given because of the mental & physical torture she had faced" pic.twitter.com/CNr5n5EbDl
— ANI (@ANI) April 19, 2019
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपने बयान में आगे कहा था, "भगवान राम के काल में रावण हुआ उसका अंत सन्यासियों द्वारा करवाया गया। द्वापर युग में कंश हुआ तो उसका अंत करने के लिए पुन: संत आए जिन्हें कंस ने जेलों में डलवा दिया, उसे सन्यासियों का शाप लगा और भगवान कृष्ण ने उसका अंत किया। ऐसे ही शक्तियां जब यहां व्याप्त हो गईं और जब ये धर्म विरूद्ध गया, कांग्रेस धर्म विरूद्ध गई। जब साल 2008 में ये सब षड्यंत्र रचा गया, सन्यासियों को अन्दर डाला गया, निरपराध अन्दर डाला गया तब मैंने कहा कि इस शासन का अंत हो जाएगा, सर्वनाश हो जाएगा और आज इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आपके सामने है।"
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आईपीएस एसोसिएशन ने भी इस बारे में बयान जारी किया है। एसोसिएशन ने कहा कि, "अशोक चक्र से सम्मानित दिवंगत आईपीएस श्री हेमंत करकरे आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। हम प्रत्याशी द्वारा दिए गए बयान की निंदा करते हैं और ये मांग करते हैं कि शहीदों के बलिदान का सम्मान किया जाए।"
Ashok Chakra awardee late Sri Hemant Karkare, IPS made the supreme sacrifice fighting terrorists. Those of us in uniform condemn the insulting statement made by a candidate and demand that sacrifices of all our martyrs be respected.
— IPS Association (@IPS_Association) April 19, 2019
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2008 में हुए मालेगांव हमले के आरोप में साध्वी प्रज्ञा, स्वामी अमृतानंद ऊर्फ दयानंद पांडे, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय सहित सात लोगों को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। मालेगांव की एक मस्जिद के पास 29 सितंबर 2008 को हुए इस हमले में छह लोगों की मौत हुई और 100 से भी ज़्यादा लोग घायल हुए थे। कहा गया कि जिस मोटरसाइकल से हमले को अंजाम दिया गया वो प्रज्ञा ठाकुर की थी।
नौ साल जेल में रहने के बाद साल 2015 में एनआईए (National Investigation Agency) ने प्रज्ञा को क्लिन चिट दी थी। कोर्ट ने एनआईए की बात नहीं मानी और विधि विरूद्ध क्रिया कलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA- Unlawful Activities Prevention Act) के तहत उन पर केस चल रहा है।
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दिसंबर 2017 में एनआईए की विशेष अदालत ने साध्वी प्रज्ञा सहित लेफ्टेनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और हमले के बाकी सभी आरोपियों पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑरगनाइज़्ड क्राइम एक्ट के तहत लगे आरोप हटा लिए।
इन सभा आरोपियों पर यूएपीए के तहत मुकदमा चल रहा है और सभी बेल पर बाहर हैं। ठाकुर ने कई बार कहा है कि उन पर लगे सभी आरोप झूठे हैं और ये कांग्रेस का षड्यंत्र है।
कोर्ट का कहना है कि हमले के सभी आरोपी अभिनव भारत नाम की संस्था से जुड़े हुए हैं। इस मामले में रामचंद्र कालसंग्रा और संदीप डांगे फरार हैं। न्यायालय ने कहा कि फरार आरोपियों ने 29 सितंबर 2008 को एक मोटरसाइकल पर बम बांध कर हमले को अंजाम दिया था।
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