किसानों को खाद और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराएगा गोरखपुर का उर्वरक कारखाना: सीएम योगी

‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत गोरखपुर सहित देश भर में 5 जगहों पर उर्वरक कारखाने का निर्माण कराया जा रहा है ताकि देश में खाद के आयात को धीरे-धीरे समाप्त किया जा सके। भारत अभी 80 से 90 लाख मीट्रिक टन खाद का आयात करता है।

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किसानों को खाद और नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराएगा गोरखपुर का उर्वरक कारखाना: सीएम योगीगोरखपुर फर्टीलाइजर कारखाने का निरीक्षण करते केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (सभी फ़ोटो- उत्तर प्रदेश जनसंपर्क विभाग)

सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने गोरखपुर में 8000 करोड़ रूपये की लागत से बन रहे हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड कारखाने का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कारखाना बन जाने से पूर्वांचल के लोगों को ना सिर्फ आसानी से उर्वरक उपलब्ध होगा बल्कि क्षेत्र के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' की परिकल्पना को भी बल मिलेगा।

आपको बता दें कि गोरखपुर में यह फर्टिलाइजर कारखाना 1968 से चल रहा था, लेकिन 26 साल पहले 1995 में सरकारी उदासीनता के कारण यह बंद हो गया। इसके बाद से लगातार क्षेत्र के लोग इस फर्टिलाइजर कारखाने को फिर से चालू करने की मांग कर रहे थे। तब से केंद्र और राज्य में कई सरकारें आईं और गईं, लगभग सभी ने इस कारखाने को फिर से चालू कराने का वादा भी किया, लेकिन इससे आगे कभी भी बात नहीं बन पाई।

2016 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने गोरखपुर का दौरा किया था तो उन्होंने फर्टिलाइजर कारखाना मैदान से ही इस कारखाने को पुनः शुरू करने का वादा किया था। उन्होंने इस दौरान इस कारखाने का शिलान्यास भी किया। तब से जापान की कम्पनी टोयो द्वारा यहां पर उर्वरक संयंत्र का निर्माण किया जा रहा है।

सीएम योगी ने कहा, "गोरखपुर फर्टिलाइजर कारखाने में निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भी लगातार निर्माण कार्यों की समीक्षा कर रही है। यही कारण है कि केन्द्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा स्वयं इसके निरीक्षण के लिए आए हैं।" उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद प्रधानमंत्री इस कारखाने का उद्घाटन करने आएंगे।


वहीं केन्द्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि कारखाने का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। कोरोना काल में सब कुछ ठप हो जाने के बाद भी इसके निर्माण कार्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इस खाद कारखाने का 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और अब यह तय जुलाई माह की लक्ष्य के बजाय जून महीने में ही बनकर तैयार हो जाएगा और 30 जून से यहां पर उर्वरकों का उत्पादन भी होने लगेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य के विकास, खेती को बढ़ावा और लोगों को रोजगार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले चार सालों में आश्चर्यजनक रूप से तेजी से काम किया है, जिसके लिए वह धन्यवाद के पात्र भी हैं। उन्होंने कहा, "गोरखपुर में खाद कारखाने को स्थापित करने की पहल सांसद के रूप में योगी आदित्यनाथ जी ने की। आज उनका सपना पूरा होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहल पर गोरखपुर में शीघ्र ही एक प्लास्टिक पार्क की भी स्थापना होगी, जिसके लिए राज्य सरकार ने 52 एकड़ भूमि की व्यवस्था कर दी है। इसके अलावा अयोध्या और वाराणसी में दो सीपेट केंद्रों की भी शुरूआत की जाएगी। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा।"

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश को 80 से 90 लाख मीट्रिक टन खाद का आयात करना पड़ता है। इसलिए 'आत्मनिर्भर भारत' योजना के तहत आयात पर निर्भरता समाप्त करने के लिए गोरखपुर सहित पांच जगहों पर नए उवर्रक प्लांट लगाए जा रहे हैं। इन खाद कारखानों से 62 लाख मीट्रिक टन खाद का उत्पादन सुनिश्चित होगा और आयात पर देश की निर्भरता घटेगी। उन्होंने बताया कि गोरखपुर का खाद कारखाना शुरू होने के बाद से उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों को समय से और उचित मूल्य पर यूरिया खाद की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों को कोरोना काल में भी उर्वरक सहित कृषि सम्बन्धी अन्य सामग्री प्राप्त करने में कहीं कोई परेशानी नहीं हुई, खेती किसानी में कहीं कोई दिक्कत नही आई। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन स्तर पर तय किया गया है कि केन्द्र द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में कहीं बाधा नहीं आनी चाहिए।

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