बेहतर रेसिपी बनाने के तरीके

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
बेहतर रेसिपी बनाने के तरीकेप्याज जिमिकंद की टिक्की बनाने के तरीके ।

सेहत की बात

सप्ताह दर सप्ताह हमारा प्रयास है कि हमारे पाठकों को स्वस्थ खबरें तो परोसें ही साथ ही उन्हें स्वस्थ रहने के भी उपाय बताते रहें। सेहत की रसोई एक ऐसा ही प्रयास है जिसमें मुंबई नोवाटेल के मास्टरशेफ भैरव सिंह राजपूत हमारे पाठकों के लिए बेहतर से बेहतर रेसिपी लेकर आते हैं और इनकी सुझायी रेसिपी के खास गुणों का बखान हमारे अपने हर्बल आचार्य यानि डॉ दीपक आचार्य देते हैं।

देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

हमारे बुजुर्गों का हमेशा मानना रहा है कि सेहत दुरुस्ती के सबसे अच्छे उपाय हमारी रसोई में ही होते हैं। इस कॉलम के जरिये हमारा प्रयास है कि आपको आपकी किचन में ही सेहतमंद बने रहने के व्यंजन से रूबरू करवाया जाए। सेहत की रसोई में इस सप्ताह हमारे मास्टरशेफ भैरव सिंह राजपूत पाठकों के लिए ला रहे हैं एक बेहतरीन प्याज जिमिकंद की टिक्की और हमेशा की तरह इस रेसिपी के खास गुणों की वकालत करेंगे हमारे अपने हर्बल आचार्य-

प्याज जिमिकंद की टिक्की

आवश्यक सामग्री

  • 500 ग्राम जिमिकंद
  • 50 ग्राम हरी पत्तियों वाला प्याज
  • 1 नींबू से निकाला गया रस
  • 4 लाल मिर्च से कुचलकर तैयार मिर्च पाउडर
  • 1 चम्मच गर्म मसाला
  • 10 पुदीना की हरी ताजी पत्तियां
  • 50 ग्राम दही
  • 50 ग्राम भुने हुए चने का पाउडर
  • स्वादानुसार देसी घी
  • स्वादानुसार नमक


विधि:

जिमिकंद को छील लिया जाए, साफ धो लिया जाए और बारीक बारीक टुकड़े तैयार कर लें। इसे उबाल लें। ठंडा होने पर इसे मैश कर लें। इसमें मिर्च का पाउडर, गरम मसाला, नींबू रस, नमक, भुना हुआ चना पाउडर, नमक डालकर अच्छी तरह से मिला लें। एक बर्तन में दही, पुदीना की बारीक कटी हुयी पत्तियां और हरी पत्तियों वाले कटे हुए प्याज को अच्छी तरह से मिला दें और इस सारे मिश्रण को जिमिकंद वाले मिश्रण में मिला दें और फिर बाद में हथेली में थोड़ा-थोड़ा मिश्रण लेकर छोटी- छोटी टिक्की तैयार कर लें। एक तवे पर थोड़ा सा घी डालकर इन टिक्कियों को मध्यम आंच पर पकने दें। एक सिरे पर हल्का भूरा होने पर टिक्की को पलटकर रख दें और सिंकाई होने दें, टिक्कियां तैयार हैं।

क्या कहते हैं हर्बल आचार्य

जिमिकंद जिसे सूरनकंद भी कहा जाता है, एक मजबूत, बड़े आकार का कंद होता है जिसमें मुख्य रूप से प्रोटीन, वसा, कार्बोहाईड्रेड्स, क्षार, कैल्शियम, फॉस्फोरस, लौहतत्व और विटामिन ए व बी पाए जाते हैं। कच्चे सूरनकंद को छीलकर नमक के पानी में धोया जाए और लगभग 4 ग्राम कंद को सोने से पहले एक सप्ताह प्रतिदिन चबाया जाए तो पेट के कृमि बाहर निकल आते हैं। कंद का अधिकतर उपयोग बवासीर, स्वास रोग, खांसी, आमवात और कृमिरोगों आदि में किया जाता है। आदिवासी इस कंद को काटकर नमक के पानी में धोते हैं और बवासीर के रोगी को इसे कच्चा चबाने की सलाह देते हैं। जिन लोगों को लीवर में समस्या हो उनके लिए भी सूरनकंद एक वरदान है।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

           

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.