किसानों ने ट्विटर पर #किसान_कर्जा_मुक्ति ट्रेंड करवाकर दिखाई ताकत, एक लाख से ज्यादा ट्वीट

Arvind ShuklaArvind Shukla   5 May 2020 1:34 PM GMT

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किसानों ने ट्विटर पर #किसान_कर्जा_मुक्ति ट्रेंड करवाकर दिखाई ताकत, एक लाख से ज्यादा ट्वीट

देशभर के किसानों और किसान संगठनों ने मिलकर पांच मई को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर पर अपनी ताकत दिखाई। किसान और किसान संगठनों, किसानों के हिमायतियों ने मिलकर #किसान_कर्जा_मुक्ति हैशटैग के एक लाख से ज्यादा ट्वीटर किए। किसानों का ये हैशटैग राष्ट्रीय स्तर पर काफी देरतक नंबर पर ट्रेंड करता रहा।


हरियाणा के किसान रवींद्र काजल ने ट्वीटर पर सवाल किया कि जब सरकार लॉकडाउन में उद्योगपतियों के 68609 करोड़ रुपए माफ कर सकती है तो किसानों को कर्ज़ से मुक्ति क्यों नहीं?

देशभर के किसान संगठन पिछले कई वर्षों से खेती में लगातार हो रहे घाटे और किसानों को आत्महत्याओं को देखते हुए एक बार सभी किसानों के लिए संपूर्ण कर्ज़माफी की मांग कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान 5 किसानों की मौत के बाद बनी अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति संपूर्ण कर्ज़माफी की मांग को लेकर दिल्ली में लगातार दो साल किसान मुक्ति संसद का आयोजन कर चुकी है।

किसान नेता और सांसद संपूर्ण कर्ज़ मुक्ति को प्राइवेट बिल के तौर पर संसद में पेश भी कर चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों में यूपी, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक समेत कई राज्यों में बनी राज्य बनी सरकारों ने 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक कर्ज़माफ करने की बात कही लेकिन लाखों किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया। किसान संगठन लगातार एक बार संपूर्ण कर्ज़माफी की मांग कर रहे हैं।

किसानों की मांग के समर्थन में ट्वीट करते हुए देश के प्रख्यात खाद्य एवं निर्यात नीति विशेषज्ञ देविंदर शर्मा ने कहा- क्रेडिट Suisse स्टडी के अनुसार साल 2014 से लेकर दिसंबर 2019 तक सरकार ने कॉरपोटेर सेक्टर का करीब 7.7 लाख करोड़ रुपए के कर्ज़ को माफी किया। जबकि अभी भी 9.10 करोड़ रुपए अभी भी कॉरपोरेट पर कर्ज़ हैं, जो एनपीए में पड़ा है, जबकि ये पैसा 16.88 लाख करोड़ अगर कृषि में निवेश कर दिए जाएं, कृषि का रुप बदल सकता है।

अखिल भारतीय किसान सभा ने लिखा कि भारत मे किसान कर्ज़ में जन्म लेता है, और कर्ज़ में मर जाता है, किसानों के साथ लगातार ये परंपरा चल रही है क्योंकि हमारे यहां की सरकारों की पॉलिसी किसान विरोधी होती हैं

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने लिखा "मोदी सरकार के लिए किसान की कोई पहचान नहीं है, वे अदृश्य बने हुए हैं। देश को खाना खिलाने वाले इन योद्धाओं को कोरोना के खिलाफ युद्ध में पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है" -

किसान नेताओं ने इस दौरान कांग्रेस कांग्रेस और कांग्रेस के दूसरे नेताओं द्वारा हैशटैग ट्रेंड कराए जाने का क्षेय लेने पर उन्हें खरीखोटी भी सुनाई।



    

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