क्या वाकई मक्का में होटल की बिल्डिंग गिरने से हाजी शहीद हुए हैं?

एक मोबाइल मैसेज जिसमें लिखा है कि मक्का में एक होटल गिरने से कई हाजियों की मौत हो गई है, कितना सच?

Jamshed QamarJamshed Qamar   17 Aug 2018 2:12 PM GMT

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क्या वाकई मक्का में होटल की बिल्डिंग गिरने से हाजी शहीद हुए हैं?

"मक्का की अज़ियत स्ट्रीट पर एक पुराना बंगाली होटल गिर गया है, जिसमें बहुत से हाजियों की मौत हो गई है" ये वाट्सऐप मैसेज कल से हर तरफ घूम रहा है। अब क्योंकि ये वक्त भी हज का है और ऊारत में भी हर किसी के जानने वालों में कोई न कोई हज करने सऊदी अरब के मक्का शहर गया है इसलिए इसे जानकर घबरा जाना लाज़मी है। इस मैसेज में तस्वीरों के साथ साथ कुछ वीडियो भी भेजी जा रही हैं जिसमें सऊदी अरब की लोकल पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीम एक धूल इमारत के आसपास हड़बड़ाई हुई भागती हुई दिखाई जाती है, पीछे कुछ लोग सड़क पर खड़े दिखते हैं जिनमें कुछ ने साउदी की पारंपरिक पोशाक पहनी है, सड़क से कुछ गाडि़यां भी आती जाती दिखती हैं और एक स्ट्रेचर पर पुलिस वाले किसी को ले जाते हुए दिखाई देते हैं। मैसेज में इस वीडियो के साथ टेकस्ट आता है कि ये घटना आज सुबह ही हुई है।







































हकीकत ये है कि ये खबर पूरी तरह फर्ज़ी और शरारती तत्वों की कारस्तानी है, जो वीडियो दिखाई जा रही थी वो दरअसल एक मॉक ़्ड्रिल है। मॉक ड्रिल का मतलब होता है किसी भी आपदा से लड़ने की तैयारी के लिए उसी आपदा जैसे नकली हालात पैदा किये जाते हैं ताकि सुरक्षाकर्मी और दूसरी एजेंसियों की मुस्तैदी को आंका जा सके। ऐसी ड्रिल हमारे देश में अक्सर होती हैं। लेकिन सूचना के इस दौर में जब कोई जानकारी वायरल हो जाती है तो उसे रोक पाना मुश्किल हो जाता है, इन तस्वीरों को भी वायरल होने में वक्त नहीं लगा और चंद ही घंटों में ये तस्वीरें पूरी दुनिया में फैल गईं। इंतिहा तो तब हो गई जब सऊदी के ही एक लोकल न्यूज़ चैनल ने इतनी बड़ी तादाद में आ रहे मैसेज को सच मानकर खबर चला दी। 'रोज़ टीवी' ने वीडियो को बिना जांचे वैसे ही खबर ऑन एयर कर दी जिसके बाद हड़कंप मच गया।


इस खबर के ऑन एयर होने के बाद वायरल हो रहे मैसेज और तेज़ी से फैलने लगे, वो सभी लोग जिनके परिवार वाले या फिर कोई जानने वाला हज करने के लिए गया हुआ था परेशान होने लगे। ऐसे में हर तरफ हड़कंप मच गया और एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई जिसमें हर कोई खबराया हुआ था। लोग अपने जानने वालों की खैरियत लेने के लिए सउदी एम्बैसी में फोन कर रहे थे या फिर इंटरनेट पर खबरे खंगाल रहे थे। आखिरकार सउदी के सबसे बड़े अखबारों में से एक खलीज टाइम्स ने इस खबर का खंडन किया और अपनी वेबसाइट पर खबर लगायी, जिसके बाद कई सोशल मीडिया हैडल पर इस खबर को फर्ज़ी बताते हुए जानकारी दी गई।















सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ इस वक्त की सबसे बड़ी चुनौती है। भारत में तो फेक न्यूज़ के चलते काफी लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। बीते दिनों बच्चा चोर की अफवाह कई राज्यों में वाट्सऐप के ज़रिये फैलाई गई जिसके चलते जगह-जगह पर संदिग्ध लगने पर ही लोगों ने किसी को भी बच्चा चोर समझ लिया और उसे पीट-पीट कर मार डाला। सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाहों से सावधान रहें। कोई भी जानकारी बिना जांचे आगे न बढ़ाएं।

   

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