बारिश शुरू होते ही पशुओं के लिए काल बन रहा गलाघोंटू 

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बारिश शुरू होते ही पशुओं के लिए काल बन रहा गलाघोंटू गलाघोंटू से बीमार पशु 

रोहित श्रीवास्तव-अंवकित श्रीवास्तव

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बहराइच। जिले में रुक रुक कर हो रही बारिश से उमस भरी गर्मी जहां आम जनमानस को परेशान कर रही है। वहीं पशुओं का हाल भी बदहाल होता जा रहा है। पालतू पशुओं की दशा पर रोगों के बादल मंडराने शुरू हो गये हैं। बरसात शुरू होते ही ज्यादातर पशु गलाघोंटू के चपेट में आ रहे है। यह एक खतरनाक बीमारी है, जो जीवाणु जनित रोग है। इसमें पशु घर्र-घर्र की आवाज करता है तथा गले में सूजन आना, बुखार एवं मुंह से लार आना इसके मुख्य लक्षण हैं।

जिला पशु चिकित्सालय डाक्टर शिव कुमार रावत का कहना है, “इस मौसम गलाघोंटू नाम रोग सबसे ज्यादा पशुओं को अपने चपेट में लेता है। इस रोग की गम्भीरता को देखते हुए इसका टीका निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है, जिसे समय रहते अगर लगवा दियाजाए तो पशुओं को इस संक्रामक रोग से बचाया जा सकता है।”

कानून गोपुरा निवासी पशुपालक दिलेराम (40 वर्ष)का कहना है, “ इस रोग से उसके कई पशु प्रभावित थे, जिन्हें टीकाकरण के बाद बचाया गया, इस बीमारी में लापरवाही सही नहीं है इससे लम्बा नुकसान हो सकता है।”

डा. रावत से इस बीमारी से बचाव के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था,“ पशु बाड़ा हमेशा ठण्डे स्थान पर बनाहो,पशुओं की नांद में सदैव स्वच्छ पानी भर कर रखें, क्योंकि जैसे मनुष्यों में बढ़ते तापमान में पानी आवश्यकता की मात्रा में बढ़ोत्तरी होती है वैसे ही पशुओं में भी तापमान में बढ़ोत्तरी के चलते पानी की मात्रा में बढ़ोत्तरी हो जाती है। इ सके साथ ही पालतू जानवरों को प्रतिदिन स्नान कराना भी गलाघोंटू बीमारी में बचाव का एक उपाय है।”

     

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