बाराबंकी: जिला कुष्ठ विभाग में डर-डरकर बैठने को मजबूर हैं अधिकारी

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बाराबंकी: जिला कुष्ठ विभाग में डर-डरकर बैठने को मजबूर हैं अधिकारीबाराबंकी में जिला कुष्ठ विभाग की इमारत पूरी तरह से हो चुकी है जर्जर।

अंकित प्रजापती/सतीश कश्यप

(स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क)

बाराबंकी। जिला कुष्ठ विभाग बदहाली का शिकार है। ये सरकारी इमारत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। यहां के अधिकारी और कर्मचारी इमारत के बाहरी परिसर में ही बैठना उचित समझते हैं। मरीज भी यहां इलाज कराने से कतराते हैं।

मंत्री अरविन्द सिंह गोप के बाराबंकी स्थित निजी आवास से चंद कदम दूर ही जिला कुष्ठ विभाग है। यहां अक्सर अधिकारी और कर्मचारी अस्पताल के बाहर ही बैठे दिखते हैं। परिसर में बैठना इनकी मजबूरी भी है क्योंकि किराये पर चल रहे इस विभाग की इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। बरसात के दिनों में तो छत से पानी गिरता रहता है।

यहां सबसे बड़ी समस्या विभाग के कार्यालय की है। इसमें बैठने से लोग कतराते हैं। विभाग के उच्चाधिकारी भी इस समस्या से अवगत हैं। मगर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
देश दीपक पाल, जिला कुष्ठ अधिकारी

जिला कुष्ठ अधिकारी देश दीपक पाल और यहां के क्लर्क ताज मोहम्मद कहते हैं, “यहां सबसे बड़ी समस्या विभाग के कार्यालय की है। इसमें बैठने से लोग कतराते हैं। विभाग के उच्चाधिकारी भी इस समस्या से अवगत हैं। मगर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। यही नहीं यहां के सरकारी वाहन भी जीर्ण हो चुके हैं। इनका मल्बा अस्पताल के बाहर आज भी शोपीस बना हुवा है।”

बता दें कि यहां दस लोगों का स्टाफ तैनात है। देश दीपक बताते हैं, “उनको यहां तैनात हुए एक साल से ज्यादा हो चुका है लेकिन भवन गिरने का डर हमेशा सताता रहता है।” वहीं, क्लर्क ताज मोहम्मद कहते हैं, “यहां ऐसा कोई कमरा नहीं है जहां दरार न हो।

बरसात के दिनों में तो ये हॉस्पिटल पानी-पानी हो जाता है। मजबूरन सभी को हॉस्पिटल के बाहर ही कुर्सी डालकर बैठना पड़ता है। मरीज आते हैं तभी हॉस्पिटल में प्रवेश करते हैं।” कुष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डीआर सिंह के अलावा शासन को भी इस जर्जर हो चुकी बिल्डिंग की हकीकत से अवगत करवाया है। मगर ये कार्यालय जस का तस बरकरार है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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