बदहाली से परे बुंदेलखंड के प्रवासी पक्षियों की खूबसूरती सामने लाया ‘स्वयं फेस्टिवल’  

Bhasker TripathiBhasker Tripathi   2 Dec 2016 6:43 PM GMT

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ललितपुर। सूखे और किसान की बदहाली के लिए ही खबरों में आने वाले बुंदेलखंड का एक खूबसूरत पहलू भी है, यहां आने वाले प्रवासी पक्षी।

कुर्च, सुर्खाब बत्तख, चौबाहा, घोघिल, छोटा राजहंस यानि फ्लेमिंगो जैसे जाड़े के दिनों में यहां आने वाले मुख्य प्रवासी पक्षियों को देखने और उनके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए यूपी बुंदेलखंड के ललितपुर ज़िले में आज यानी 2 दिसंबर को 'बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल' का आयोजन किया गया।

यूपी के सबसे बड़े ग्रामीण उत्सव 'स्वयं फेस्टिवल' के तहत आयोजित 'बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल' में ज़िले के 1000 से ज्यादा शहरी व ग्रामीण नागरिकों और स्कूली बच्चों ने भाग लिया। गाँव कनेक्शन फाउंडेशन व ललितपुर वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 'बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल' में ज़िलाधिकारी डॉ रूपेश कुमार ने भी शिरकत की।

ललितपुर में बर्ड वॉचिंग के लिए इकट्ठा हुए छात्र-छात्राएं

कार्यक्रम के संयोजक व ललितपुर वन विभाग के प्रभागीय निदेशक आईएफएस वीके जैन ने जानकारी दी, "ललितपुर पक्षी जैवविविधता से भरा पड़ा है, यहां के बांधों पर हर शरद ऋतु में कई अनोखे प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा होता है। उनका संरक्षण तो हमारा काम है ही लेकिन इनके बारे में लोगों को जानना भी ज़रूरी है"।

ललितपुर में प्रवासी पक्षियों की 10 से ज्यादा किस्में हर साल देखी जाती हैं। इनमें उपरोक्त प्रजातियों के साथ ही सिलही यानि ह्विसलिंग डक, गजपांव, छोटा लालसर आदि जैसी प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां शामिल हैं।

ललितपुर में बर्ड वाचिंग कार्यक्रम में डीएफओ वीके जैन, डीएम ललितपुर रूपेश कुमार, मंडल वन संरक्षक देवेंद्र, सीएमओ प्रताप सिंह और जिला सूचना अधिकारी चंद्रचूर्ण दुबे। दाएं से बाएं

ललितपुर में कुल 14 विशालकाय बांध हैं जहां प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा होता है। इन बांधों में प्रमुख गोविंद सागर, शहज़ाद, जामनी, राजघाट और माताटीला बांध पर बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल का आयोजन किया गया।

75,000 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र वाले ललितपुर में प्रवासी पक्षियों के अलावा भी 70 से ज्यादा किस्मों के पक्षी पाए जाते हैं।

स्वयं फेस्टिवल के ज़रिये गांव कनेक्शन की टीम जो उद्देश्य पाना चाह रही है वो बहुत सरल और पावन है - जो कि है ग्रामीणों को साथ लेकर चलना विकास के सफ़र में, मेरी शुभकामनाये हैं टीम को। उन्होंने उपस्थित स्नातक छात्रों से भी आग्रह किया कि वो भी सूचना तकनीकों के ज़रिये गांवों और शहरी सूचनाओं का बाँध बनें।
रूपेश कुमार, जिलाधिकारी

शरद ऋतु में ललितपुर में दिखते हैं अनोखे प्रवासी पक्षी

उजाड़ के अलावा बुंदेलखण्ड की ये खूबसूरत तस्वीर देश के सामने लाने के लिए उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े ग्रामीण उत्सव स्वयं फेस्टिवल में इस कार्यक्रम की परिकल्पना की गई थी।

भारत के सबसे बड़े ग्रामीण अख़बार गाँव कनेक्शन की दो दिसंबर को चौथी वर्षगांठ पर ललितपुर के साथ-साथ स्वयं फेस्टिवल का आगाज़ उत्तर प्रदेश के 25 ज़िलों में किया गया। यह समारोह इन सभी ज़िलों में 2 दिसम्बर से आठ दिसम्बर तक चलेगा, जिसमें लाखों ग्रामीण 1000 से भी ज्यादा छोटे-बड़े कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

    

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