आदर्श तालाब में लगते हैं चौके-छक्के

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आदर्श तालाब में लगते हैं चौके-छक्केसूखे पड़े अनेक तालाबों में झाड़ियां खड़ी हैं, जहां जानवर चरते हैं और बच्चे क्रिकेट खेलते हैं।

सुरेन्द्र कुमार, स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

लखनऊ। मनरेगा योजना से क्षेत्र में आठ दर्जन से अधिक बनाये गये आदर्श तालाब विभागीय कर्मचारियों की उदासीनता के चलते ध्वस्त पड़े हैं। सूखे पड़े अनेक तालाबों में झाड़ियां खड़ी हैं, जहां जानवर चरते हैं और बच्चे क्रिकेट खेलते हैं।

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जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूरी पर ग्राम पंचायत महमूदनगर में हाईवे के किनारे बनाये गये आदर्श जलाशय को अब तक तीन बार खोदाई दर्शाकर धन का बन्दरबांट किया गया। यहां के रहने वाले सरवन श्रीवास्तव (41 वर्ष) बताते हैं, “लाखों रुपए की लागत से गाँव में तालाब बनवाया गया था। इस तालाब की देखरेख न होने के कारण सूख गए। इस तालाब में गाँव के बच्चे अब क्रिकेट और फुटबॉल खेलते हैं।

यह तालाब साढ़े सात लाख रुपयों की लागत से पक्का बनवाया गया था। मगर अब यह निर्माण ध्वस्त होकर इसकी ईंटें इधर-उधर बिखरी पड़ी हैं।” क्षेत्र की 67 ग्राम पंचायतों मे करीब एक सैकड़ा से अधिक तालाबों का निर्माण करोड़ों रुपयों की लागत से कराया जा चुका है।

तालाबों की मरम्मत कराने व इन पर चौकीदार रखने की व्यवस्था न होने के कारण देखरेख का अभाव है। निर्माण कार्य में अगर कहीं अनियमितता की शिकायत मिलती है तो निश्चित रूप से जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
नेहा सिंह, खण्ड विकास अधिकारी।

तालाबों की खोदाई के नाम पर उनकी सफाई करा बैरीकटिंग लगाकर वृक्षारोपण भी किया गया था। वर्तमान मे अधिकांश जलाशय सूखे पड़े हैं। वहीं, इनमें डाले गये इनलेट व आउटलेट पाइप खुले में पड़े हैं। वृक्षारोपण के नाम पर लगाये गये पौधे सूख गये हैं। कई तालाबों के किनारे बैठने के लिए लगायी गयीं सीमेन्ट की बेंचे टूटकर धराशाही हो चुकी हैं।

वहीं, ग्राम पंचायत नई बस्ती धनेवा के जलाशय की बैरीकटिंग के खम्भे ही नहीं हैं। ऐसा ही हाल ग्राम पंचायत कसमण्ड़ीकलां, जिन्दौर, सहिलामऊ सहित सभी गाँवों का है।

     

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