कन्नौज: डार्क ज़ोन में नहर बनाने का काम मंद, दो वर्ष पहले पारित हुआ था प्रस्ताव

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कन्नौज: डार्क ज़ोन में नहर बनाने का काम मंद, दो वर्ष पहले पारित हुआ था प्रस्तावजलालाबाद और तालग्राम ब्लॉक क्षेत्र में बोरिंग है प्रतिबंधित।

अजय मिश्रा, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गुरसहायगंज (कन्नौज)। उत्तर प्रदेश में गिरते जल स्तर को देखते हुए जिलों में कई गाँवों, कस्बों को डार्कजोन घोषित किया गया। डार्क जोन घोषित जगहों पर भूजल का दोहन प्रतिबंधित होता है। शासन ने इन जगहों पर पानी की उचित व्यवस्था के लिए नहरें बनवाने, टंकी लगवाने जैसी व्यवस्था का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक वो व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है।

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कन्नौज में दो वर्ष पहले डार्कजोन क्षेत्र में नहर का प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन लापरवाही के कारण अभी तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है। कार्य धीमा होने की वजह से डीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। कन्नौज जिले में जलालाबाद और तालग्राम ब्लॉक डार्कजोन में आते हैं। यहां पानी की समस्या है। साथ ही नलकूप आदि की बोरिंग भी प्रतिबंधित है। दोनों ही विकास खंडों के किसानों को खासी दिक्कतें होती हैं। किसान मनचाही फसल नहीं कर पाते हैं। जो फसलें होती हैं, उनमें पैदावार कम होती है।

मुख्यमंत्री ने दो मार्च 2015 को तालग्राम और जलालाबाद ब्लॉक क्षेत्र में सतही सिंचाई परियोजना के तहत बेबर (मैनपुरी) नहर बनाने का एलान किया था। 150 क्यूसेक क्षमता वाली इस नहर की लंबाई 30 किमीl. बनाने की घोषणा हुई थी। काम शुरू भी हुआ, जब प्रगति समीक्षा बैठक हुई तो कार्य बहुत ही संतोषजनक नहीं पाया गया। वित्तीय प्रगति 38.5 और भौतिक प्रगति 39 फीसदी पाई गई। इस बाबत प्रमुख सचिव सुरेश चंद्र ने भेजे पत्र में हवाला दिया है कि नहर बनाने के काम में लापरवाही वाले प्रकरण को महत्व देते हुए और उसकी गंभीरता समझते हुए डीएम कन्नौज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाती है।

इसमें अधीक्षण अभियंता द्वितीय मंडी सिंचाई कार्य कानपुर और अधिषाशी अभियंता सिंचाई खंड को सदस्य बनाया गया है। साथ ही आदेशित किया गया है कि सतत अनुश्रवण करते हुए शासन को समय-समय पर रिपोर्ट भी भेजी जाए।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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