सरकारी अस्पताल में नहीं महिला डॉक्टर ‘किससे बताएं अपनी समस्या’

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सरकारी अस्पताल में नहीं महिला डॉक्टर  ‘किससे बताएं अपनी समस्या’सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर की कमी। 

शैलेंद्र निषाद , स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बहराइच। “रात भर पेट में दर्द होता रहा जब सुबह बड़ी मुश्किल में उठ कर जैसे-तैसे स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे तो वहां कोई महिला डॉक्टर नजर नहीं आई। जब वहां पूछा तो पता चला की यहां पर कोई महिला डॉक्टर नहीं है।

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अब हम अपनी महिलाओं वाली समस्या एक पुरुष से तो बताएंगे नहीं बस वहां से पेट दर्द की दवा लेकर चली आई।” यह कहना है बहराइच की सुजौली गाँव की रहने वाली रेखा देवी (28 वर्ष) का। सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रत्येक बजट सत्र में करोड़ों रुपए का बजट तय करती है, जो स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण, साफ़-सफाई, दवाइयां व अन्य सुविधाओं में खर्च के लिए होता है।

ताकि लोगों को अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके, लेकिन कई स्वास्थ्य केंद्रों में महिलाओं की बीमारियों के लिए एक भी महिला डॉक्टर तैनात नहीं हैं। जिला मुख्यालय से 70 किमी पश्चिम मिहींपुरवा ब्लॉक का मोतीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिसके अंतर्गत उर्रा, मोतीपुर, सेमरी घटही, लौकाही, सुजौली, अड़गोड़वा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आते हैं।

374404 की आबादी वाले इस ब्लॉक में न तो किसी स्वास्थ्य केंद्र पर महिला डॉक्टर हैं और न ही मरीजों को मूलभूत सुविधाएं नसीब हो रही हैं। जिससे ग्रामीण महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मोतीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज कराने आए बलई गाँव निवासी 25 वर्षीय अरविन्द कुमार ने बताया, “यहां सप्ताह में तीन दिन ही दवा उपलब्ध रहती है बाकी दिनों में बाहर से दवा खरीद कर काम चलाना पड़ता है जिससे हमारे खर्च बढ़ जाते हैं।”

मरीजों के लिए नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं

उर्रा गाँव निवासी 24 वर्षीय अजय कुमार ने बताया, “अपनी मां का इलाज कराने यहां लाए थे, तबियत खराब होने की वजह से उन्होंने फर्श गन्दा कर दिया सफाईकर्मी न होने के कारण मैंने फर्श को साफ़ किया।” इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इंचार्ज आरएन वर्मा ने कहा, “हमें इस ब्लॉक में 14 एएनएम, दो महिला डॉक्टर, तीन सफाई कर्मी व एक शौचालय की जरूरत है। इस बारे में विभाग को लिख दिया है, लेकिन जवाब नहीं आया।”

मोतीपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नर्स है अभी महिला डॉक्टरों की कमी है जिससे वहां नहीं भेज पा रहे हैं। जल्द ही सभी समस्याओं को निस्तारित कराया जाएगा।
डॉ. अरुण लाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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