तीन साल बीते फिर भी नहीं बना तहसील के लिये भवन

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तीन साल बीते फिर भी नहीं बना तहसील के लिये भवनविभागीय हीलाहवाली के चलते अब तक तहसील के लिए भवन का निर्माण पूरा नहीं हो सका है।

विपिन तिवारी, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

उन्नाव । तीन वर्ष पूर्व तहसील का सृजन तो कर दिया गया लेकिन विभागीय हीलाहवाली के चलते अब तक भवन का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। नतीजतन मौजूदा समय में तहसील के सभी काम अन्य भवनों से संचालित हो रहे हैं। जिससे जरूरी काम निपटाने के लिए पहुंचने वाले लोगों को इधर उधर भटकने को मजबूर होना पड़ता है।

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मालूम हो कि क्षेत्र के ग्राम इस्माइलपुर आंबा पारा निवासी हाईकोर्ट लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता फारुक अहमद ने जनहित याचिका दाखिल कर बांगरमऊ को तहसील बनाए जाने की मांग की थी। श्री अहमद द्वारा की गयी पहल और पूर्व विधायक बदलू खान के प्रयास से पूर्व की सपा सरकार ने अगस्त 2014को बांगरमऊ को नई तहसील बनाए जाने की स्वीकृति दे दी थी।

नवसृजित तहसील के प्रथम उपजिलाधिकारी सरजू प्रसाद शुक्ल ने स्वाधीनता दिवस पर ध्वजा रोहण कर यहां के शहीद ठाकुर जसा सिंह भवन में तहसील के काम—काज की शुरुआत की थी । तहसील के प्रथम तहसीलदार मन्सूर अहमद थे। इसके बाद सीएचसी के पुराने भवन से तहसील का संचालन होने लगा। साथ ही संडीला मार्ग पर नई तहसील के भवन निर्माण का काम भी शुरु हो गया था। लेकिन ढाई वर्ष बीत जाने के बाद भी तहसील भवन बनकर तैयार नही हो सका।

वर्तमान में सीएचसी की इस जर्जर व जीर्ण-शीर्ण बिल्डिंग में राजस्व विभाग के तमाम सरकारी अभिलेखों का रखरखाव करना भी मुश्किल हो रहा है। जगह कम होने से वाहनों को खड़ा करना व फरियादियों के बैठने का समुचित व पर्याप्त स्थान न होने के चलते तमाम मुश्किलें आ रही हैं।

नगर के विमल शुक्ला, मनीष त्रिपाठी, डाक्टर राम बिहारी वर्मा, फजलुर्रहमान, रवी कान्त गुप्त, सुधीर मिश्रा, आचार्य केशवानन्द, डा निहाल व हाजी कदीर सहित तमाम लोगों ने जिलाधिकारी से शीघ्र तहसील की नई बिल्डिंग का कार्य पूरा करवाये जाने तथा नये भवन में तहसील को संचालित कराए जाने की मांग की है।

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