किफायती इलाज के लिए अब गरीब वर्ग को भी दिखाना पड़ेगा आधार कार्ड

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
किफायती इलाज के लिए अब गरीब वर्ग को भी दिखाना पड़ेगा आधार कार्डआधार कार्ड नंबर से मरीज़ों के इलाज की इस पहल की मदद से मेडिकल कॉलेजों में एक डाटाबेस तैयार किया जाएगा।

लखनऊ। अब बड़े अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में गंभीर रोगों के किफायती इलाज पाने वाले गरीब वर्ग के लोगों के लिए भी आधार कार्ड दिखाना ज़रूरी हो गया है।

इस नई प्रक्रिया के बारे में लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की अनीता सिंह ने बताया, ‘नई योजना के तहत गरीब वर्गों को भी इलाज करवाने पर अब आधार कार्ड दिखाना ज़रूरी किया गया है। इससे यह पता चल पाएगा कि हमने कितने असाध्य रोगों वाले मरीज़ों का इलाज किया और उनके इलाज के लिए सरकार की तरफ से हमें कितना पैसा मिला।’

आधार कार्ड नंबर से मरीज़ों के इलाज की इस पहल की मदद से मेडिकल कॉलेजों में एक डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिससे यह पता चलेगा कि कौन से इलाज पर कितना पैसा खर्च हुआ है। यहां तक कि यह भी पता चल पाएगा किस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में कौन-कौन से ट्रीटमेंट आसानी से हो सकते हैं।

बीपीएल वर्गों के लिए अभी तक राज्य व्याधि निधि के तहत बड़े अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में एड्स, हृदय रोग, स्पाइनल सर्जरी, मेजर वैसकुलर सर्जरी मानसिक रोग, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, हिप-नी रिप्लेसमेंट, बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन, गुर्दा प्रत्यारोपण जैसी असाध्य बीमारियों का इलाज किया जाता है। इस निधि के तहत सरकार प्रत्येक मरीज़ के इलाज पर डेढ़ लाख रुपए की मदद करती है।

अनीता सिंह बताती हैं, ‘मेजर ऑपरेशन और बड़ी सर्जरी में आने वाले खर्चे का बजट सरकार से हमें मिलता है पर कई बार अधिक संख्या में मरीज़ों के आ जाने से बजट के मुताबिक इलाज मिलने में परेशानी होती थी। आधार नंबर पर इलाज होने से अब इन समस्याओं पर काबू पाया जा सकेगा।’ आधार कार्ड पर गंभीर रोगों के इलाज की यह प्रक्रिया अभी पायलेट के तौर पर प्रदेश के कुछ बड़े अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में शुरू की गई है। योजना की सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.