एफडीए की सलाह-त्योहारी मौसम में मिलावट से रहें सतर्क

Sundar ChandelSundar Chandel   9 Oct 2017 7:19 PM GMT

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एफडीए की सलाह-त्योहारी मौसम में मिलावट से रहें सतर्कप्रतीकात्मक फोटो 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। रोशनी और खुशियों के पर्व दीपावली पर बाजार की रौनक के बीच मिलावट का कारोबार भी पूरी तरह फलता-फूलता है। दीपावली की शुरुआत में घर की रंगाई-पुताई से लेकर पूजन तक और त्यौहार पर खाने वाली मिठाई तक में बड़े स्तर पर मिलावट हो रही है। हाल में एफडीए टीम द्वारा लिए गए 350 नमूनों में जांच में 160 पूरी तरह फेल पाए गए। ऐसे में डॉक्टर्स ने खाने का सामान खासकर मिठाई जांच-परख कर खरीदने की सलाह दी है।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) के अनुसार, बाजार में महंगे और ब्रांडेड पेंट के साथ नकली पेंट का कारोबार भी मेरठ में बड़े पैमाने पर हो रहा है। इसमें महंगे पेंट की जगह किसी भी फर्जी नाम से सस्ते पेंट बाजार में उपलब्ध हैं। यही नहीं कुछ जगह तो छोटी कंपनियों के नाम पर भी नकली पेंट की पैकिंग बेची जा रही है। यह पेंट रंगों और कैमिकल को मिलाकर तैयार किया जा रहा है। इसकी कीमत बाजार में ब्रांडेड पेंट से आधी होती है। सस्ता देखकर ही ग्राहक इस खरीद लेते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में इसकी असलियत सामने आ जाती है।

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मेरठ में एफडीए की अभिहित अधिकारी अर्चना धीरान जानकारी देती हैं कि दिवाली पर सबसे ज्यादा बिक्री घी और तेल की होती है। मुख्य रूप से सरसों का तेल पूजन के साथ ही खाद्य पदार्थ बनाने में प्रयोग होता है। सरसों का तेल जहां बाजार में 100 रुपए प्रति रुपए लीटर उपलब्ध है, तो सस्ते के लालच में लोग नकली घी व तेल भी खरीद रहे हैं। चावल की भूसी से निकलने वाले तेल में पीला रंग मिलाकर इसे सरसों का बना दिया जाता है। जिसे ग्राहक रंग देखकर खुश होकर खरीद लेता है।

जुलाई और अगस्त के नमूने अभी आए हैं, अक्टूबर में पूरे माह अभियान चलेगा, अभी तक 50 से ज्यादा नमूने भेजे जा चुके हैं, जिनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
अर्चना धीरान, अभिहित अधिकारी मेरठ

इसके अलावा पामोलीन ऑयल को भी कैमिकल की मदद से पतला कर सरसों का तेल बताकर बेचा जा रहा है। वास्तव में इस तेल की कीमत बाजार में 50 रूपए किलो होती है, लेकिन सरसों के नाम पर यही तेल 80 से 90 रूपए प्रति लीटर बेचा जा रहा है। वहीं शुद्ध देशी घी बाजार में 500 रूपए किलो बिकता है, लेकिन शहर से लेकर कस्बों तक में ऐसी भी दुकानें हैं, जहां पर देशी घी 100 रूपए किलो बोर्ड लगाकर बेचा जा रहा है। देशी घी में मिलावट के लिए वनस्पति घी में रिफाइंड मिलाकर देशी घी की खुशबू का एसेंस प्रयोग किया जाता है। वहीं देशी घी में चर्बी तक होने की बात भी दुकानदार करते हैं।

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प्रशासन और एफडीए मानता है कि त्यौहारी सीजन में डिमांड बढ़कर दो से चार गुना तक हो जाती है। जबकि दूध का उत्पादन आम दिनों की तरह ही होता है। ऐसे में बढ़ी हुई डिमांड को पूरा करने के लिए मिलावट का सहारा लिया जाता है। दूध से बने प्रोडेक्ट में मिलावट की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। इसके पीछे दुकानदारों द्वारा सीजन में मोटी कमाई करने का फेक्टर भी रहता है।

इन खाद्य पदार्थों के थे सैंपल

एफडीए के अनुसार जिन खाद्य पदार्थों के सैंपल भरे गए, उनमें अधिकांश रोजाना में उपयोग होने वाले हैं। जैसे दूध, पनीर, मसाले, सॉस, चटनी, नूडल्स, सरसों का तेल, रिफाइंड, नमक, बेसन, नमकीन, बेकरी, बिस्किट वनस्पति घी आदि। साथ ही मिठाई के तीन सैंपलों में सिंथेटिक कलर भी मिला। सॉस के दो सैंपलों में हानिकारक कलर पाया गया। मसालों में भी एक सैंपल हानिकारक पाया गया।

मिठाई में सिंथेटिक मावे से खेल

मिठाई में सिंथेटिक मावे का खेल किसी से छिपा नहीं है। इस मावे से रसगुल्ले, बर्फी सहित तमाम मिठाई तैयार की जाती है, लेकिन अब महंगी काजू कतली मिठाई में भी मिलावट का खेल चल रहा है। 800 रूपए प्रति किलो की कीमत में बिकने वाली काजू कतली में काजू की जगह मूंगफली की गिरी मिलाई जा रही है। ऐसे ही सभी मिठाईयों में खेल कर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है।

बेसन भी मिलावटी

दिवाली पर मिलावटी बेसन के लड्डू के साथ अन्य मिठाई तैयार की जाती है। लोग घर में भी बेसन का प्रयोग करते हैं, लेकिन यह बेसन भी पूरी तरह मिलावट का शिकार है। बाजार में शुद्ध चने का बेसन 140 रूपए प्रति किलो बिक रहा है, जबकि मिलावटी बेसन 60 से 80 रूपए किलो बिक रहा है। सस्ता मिलावटी बेसन मैदे में पीला रंग मिलाकर तैयार किया जाता है। उससे ऊपर का मिलावटी बेसन मटर व चावल को पीसकर उसमें रंग मिलाकर बनाया जाता है।

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रंगों की मिलावट से बनी मिठाइयां स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। रसायनिक रंगों की वजह से व्यक्ति को गंभीर रोग जैसे हैजा, त्वचा रोग, लीवर के रोग , यहां तक उनकी किडनी भी फेल हो सकती है।
डॉ. राजकुमार चौधरी, सीएमओ,मेरठ

ऐसे करें पहचान

डॉ. राजकुमार बजाज के अनुसार रंगों का शक होने पर मिठाई को गर्म पानी में डालें। इसके बाद आयोडिन लेकर मिठाई वाले कटोरे में डाल दें। अगर मिठाई घुलकर रंग बदलती है तो मिलावट है, और रंग नहीं बदलती है तो मिलावट नहीं है।

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