अब रायबरेली के किसान जाएंगे स्कूल और करेंगे खेती की पढ़ाई

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अब रायबरेली के किसान जाएंगे स्कूल और करेंगे खेती की पढ़ाईफोटो: विनय गुप्ता 

मोविन अहमद/स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

रायबरेली। पाठशाला का नाम सुनते ही हमारा मन बस्ता लिए हुए छोटे छोटे बच्चे ही समझ में आते हैं, लेकिन अब ऐसी पाठशाला शुरु होने जा रही है, जिसमें जिसमें विद्यार्थी छोटे-छोटे बच्चे नहीं बल्कि धोती कुर्ता और सर पर गमछा बांधे हुए किसान होंगे।

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि विभाग द्वारा नए-नए प्रयत्न किए जा रहे हैं। किसानों को सशक्त बनाने के लिए और कृषि शिक्षा से अवगत कराने के लिए कृषि विभाग इस बार ग्राम पंचायतों के प्राथमिक विद्यालयों में स्कूल की छुट्टी के बाद किसानों के लिए किसान पाठशाला का आयोजन करने जा रहा है।

रायबरेली जिले के कृषि उप निदेशक महेंद्र सिंह ने किसान पाठशाला के बारे में बताते हैं, “भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान हमारे देश की नींव हैं। कृषि विभाग इस नींव को मजबूत करने के लिए हमेशा प्रयास करता है कभी किसान गोष्ठी करके तो कभी किसान मेलों का आयोजन करके। लेकिन इस बार हम किसान भाइयों को अत्याधुनिक तकनीकों की जानकारी देने के लिए उन्ही के गाँव में स्थित प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की छुट्टी के बाद किसानों की कक्षाएं लगाने जा रहे हैं। किसानों को खेती ओर खेती से जुड़े सभी कामों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी ताकि किसान खुद इतना सशक्त हो जाए कि वह अपनी आमदनी दोगुनी कर सकें।”

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वह आगे बताते हैं, “बिलियन पाठशाला के नाम से शुरु होने जा रहे इस योजना के तहत जिले की सभी 310 न्याय पंचायतों में किसान पाठशाला चलाई जाएगी। इस पाठशाला के लिए प्रत्येक न्याय पंचायत की दो ऐसी ग्राम सभाओं का चुनाव किया जाएगा जिनकी उत्पादकता सबसे कम है। पाठशालाओं का प्रारंभ पांच दिसंबर से दो चरणों में किया जाएगा पहला चरण 155 न्याय पंचायतों में पांच दिसंबर से नौ दिसंबर और बची हुई 155 न्याय पंचायतों में 11 दिसंबर से 15 दिसंबर तक किया जाएगा।

“प्राथमिक विद्यालयों की छुट्टी के बाद शाम चार से पांच बजे तक किसानों की पाठशाला शुरू की जाएगी। विद्यालय से हमें हर तरह की मदद मिल सके इसके लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी व ब्लॉक स्तर पर खंड विकास अधिकारियों को पत्र द्वारा अवगत कराया जा चुका है।किसान पाठशाला में अध्यापकों की भूमिका में ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर,असिस्टेंट टेक्नोलॉजी मैनेजर व प्राविधिक सहायक होंगे। इन सभी कर्मचारियों को बीते 18 नवंबर को जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में विशेषज्ञों द्वारा खास प्रशिक्षण दिया गया है। यह मास्टर ट्रेनर कक्षाओं में जाकर प्रतिदिन नए नए विषयों पर किसानों को प्रशिक्षण देंगे,” महेंद्र सिंह आगे बताते हैं। इस योजना से किसानों को फायदा होने वाला है, इसमें किसानों को नई-नई जानकारियां भी मिलेंगी।

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ऐसे संचालित होगी पाठशाला

  • पाठशाला का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक या सांसद के द्वारा किया जाएगा।
  • योजना का प्रथम चरण दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू किया जाएगा।
  • पाठशाला का चयन उन्हीं स्कूलों में किया जाएगा जहां प्रकाश वह पानी की सुविधा उपलब्ध हो।
  • पाठशाला में किसानों को कृषि संबंधित किताब रूपी पुस्तिकाएं दी जाएंगी।
  • कर्मचारियों की पूर्ति के लिए भूमि सुधार निगम व ऊसर सुधार निगम से कर्मचारी लिए गए हैं।
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