कृषि विशेषज्ञों की सलाह, समय-समय पर करवाएं मृदा परीक्षण

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कृषि विशेषज्ञों की सलाह, समय-समय पर करवाएं मृदा परीक्षणफोटो: गाँव कनेक्शन 

मोविन अहमद/स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

रायबरेली। गाँव कनेक्शन फाउंडेशन द्वारा जिले के बछरावां ब्लॉक के देवपुरी ग्रामसभा में किसान सभा का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में कृषि विभाग से आए हुए अधिकारियों ने किसानों खेती किसानी से जुड़ी हुई जानकारी दी एवं खेत में पुआल जलाने से होने वाली हानि से अवगत कराया।

कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर प्रदीप नारायण ने कहा,“अधिकतर किसान खेत कटाई के समय आधुनिक मशीनों का प्रयोग करके फसल की बालियां काटकर पुआल को खेत में ही जला देते हैं, जो कि खेत और वायु दोनों के लिए ही हानिकारक है।”

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उन्होंने आगे कहा कि किसान पुआल को ना जलाकर उसे खेत में ही रोटावेटर से जुताई करके उसमें यूरिया डाल कर अच्छी कंपोस्ट खाद तैयार कर सकते हैं। कंपोस्ट खाद डीएपी की पूर्ति करती है और किसान अधिक खर्च से बच सकते हैं।

कार्यक्रम में आए किसानों ने शपथ ली कि वो इस बार अपने खेतों में पुआल नहीं जलाएंगे और बची हुई पुआल से अपने खेत में कंपोस्ट खाद तैयार करेंगे।

मृदा परीक्षण के लिए 82 किसानों ने दिए मिट्टी के नमूने

कृषि विभाग के तकनीकी सहायक अजय कुमार ने किसानों को बताया कि किसानों के लिए कृषि विभाग द्वारा मृदा परीक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इससे किसान के खेत में किस पोषक तत्व की कमी है वह जान सके और सही मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग कर अधिक लागत से बच सकें। जिले की देवपुरी ग्रामसभा में मृदा परीक्षण के लिए 100 ग्रिड भूमि का लक्ष्य तय किया गया है। एक ग्रिड में 2.5 हेक्टेयर / 10 बीघे खेत लिए जाते हैं।

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मिट्टी का नमूना लेने की प्रक्रिया को बताते हुए प्राविधिक सहायक दयाराम ने कहा कि खेत से मिट्टी का नमूना लेने का बहुत ही आसान तरीका है। किसान जिस खेत से मिट्टी लेना चाहते हैं,उस खेत की मेढ़ से एक लट्ठा छोड़कर भूमि पर खुरपी की सहायता से एक गड्ढा खोदें और नीचे से कम से कम 2.5 ग्राम साफ-सुथरी पत्थर रहित मिट्टी निकालें साथ ही ध्यान रखें कि जिस जगह गोबर या कचरे का ढेर हो वहां से मिट्टी बिल्कुल ना निकाले। निकाली हुई मिट्टी को कृषि विभाग द्वारा दी गई थैलियों में भरकर आधार संख्या के साथ हमारे पास जमा कर दें।

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