‘उन दिनों’ पर चर्चा नहीं होगी तो कैसे खत्म होंगी समस्याएं

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‘उन दिनों’ पर चर्चा नहीं होगी तो कैसे खत्म होंगी समस्याएंबहराइच में महिलाओं को जागरूक किया गया।

रोहित श्रीवास्तव

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बहराइच। चित्तौरा समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के पास ही स्थित प्राथमिक विद्यालय में रविवार विश्व माहवारी दिवस पर महिलाओं में जागरूकता के उद्देश्य से एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सीएचसी की एएनएम मीना कुमारी आर्या गाँव की महिलाओं व किशोरियों को जागरूक किया।

कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकत्री शहाना बेगम सभी महिलाओं को बताया, ‘‘कैसे किशोरावस्था तक पहुंचते-पहुंचते बालिकाओं में हार्मोन्स परिवर्तन से जो शारीरिक परिवर्तन होते हैं से बालिकाओं के मन में बहुत से प्रश्न व भ्रान्तियां उत्पन्न होती हैं, जिसे लोक लाज व शर्म के चलते इसका उत्तर नहीं प्राप्त कर पाती हैं।"

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उन्होंने आगे कहा, "इससे भविष्य में जब बालिका महिला बनती है तो विभिन्न रोगों से उनको सामना करना पड़ता है जिससे वह अपने भविष्य को अंधकारमय कर लेती हैं।’’ 28 मई विश्व माहवारी दिवस जिसका उद्देश्य ही महिलाओं को इन तकलीफ भरे समय में सही जानकारी दिलाना जिससे बहुत सालों से इस विषय पर महिलाओं का खुलकर चर्चा करना मुख्य उद्देश्य है, जिससे इस तरीके की परेशानी में महिलाओं को जो विशेष दिक्कतें झेलनी पड़ती थी।

कार्यक्रम में माैजूद महिलाएं।

वहीं एएनएम मीना आर्या ने इस पर चर्चा करते हुए महिलाओं को बताया, ‘‘माहवारी च्रक का आरम्भ किशोरावस्था तक आते-आते शुरू हो जाता है, अगर चिकित्सीय वर्णन किया जाए तो लगभग 50 से 55 वर्ष तक माहवारी आना बन्द हो जाती है। किन्तु ऐसा सभी महिलाओं के साथ नहीं होता है।’’

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महिलाओं ने पहली बार विश्व माहवारी दिवस पर गाँव कनेक्शन के इस मुहिम में मिली जनकारी पर गांव कनेक्शन को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में विशेष सहयोग आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सीएचसी की मीना आर्या का रहा जिन्होंने महिलाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए विषय के अज्ञानता पर प्रकाश डालते हुए कयी अच्छी जानकारी दी।

     

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