कोई बुरी तरह से छुएं तो बताएं ज़रूर. स्वयं फेस्टिवल में बच्चों को दी गई अच्छे-बुरे स्पर्श की जानकारी

Kanchan PantKanchan Pant   4 Dec 2016 6:04 PM GMT

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कोई बुरी तरह से छुएं तो बताएं ज़रूर. स्वयं फेस्टिवल में बच्चों को दी गई अच्छे-बुरे स्पर्श की जानकारीआगरा में बच्चों को गुड टच-बैड टच की जानकारी देतीं नम्रता मिश्रा

आगरा. “हमें अपने शरीर का सम्मान करना चाहिए और अगर कोई किसी ख़ास अंग पर हमारी मर्ज़ी के खिलाफ़ स्पर्श करता है तो उसकी जानकारी हमें तुरंत देनी चाहिए.”

बच्चों के प्रति बढ़ते अपराधों के ख़िलाफ़ मुहीम के लिए काम कर रही नम्रता मिश्रा ने गाँव कनेक्शन फाउंडेशन के स्वयं फेस्टिवल में चल रहे एक सत्र में जब बच्चों को ये बताया तो पहले पहल वो झिझक गए. ‘एक पहल’ के संयोजन में ‘अच्छे स्पर्श- बुरे स्पर्श’ पर दयालबाग़ आगरा के बच्चों के बीच चल रहे इस सत्र में बच्चों को स्पर्श के बारे में तमाम जानकारियां दी गई. नम्रता ने बच्चों को बताया कि बच्चों की इसी झिझक को तोड़ना ज़रूरी है.

अक्सर बच्चे जानकारी के अभाव और शर्म के चलते अपने खिलाफ़ होने वाले बुरे व्यवहार को रिपोर्ट नहीं कर पाते. इसलिए बच्चों को ये जानकारी होनी चाहिए कि उन्हें ऐसे किसी भी अवांछित स्पर्श के बारे में किसे बताना है ताकि भविष्य में उनके साथ ऐसा ना हो.

स्वयं फेस्टिवल के तहत चल रहे इस काउंसिलिंग सैशन में बच्चों को अच्छे-स्पर्श और बुरे स्पर्श से जुड़ी कुछ फिल्में भी दिखाई गई. उन्हें स्पर्श के विभिन्न प्रकारों के प्रति भी जागरूक किया गया.

“देश में अलग-अलग संस्थानों के लिए कई चाइल्ड फ्रेंडली कोड्स बनाए गए हैं, लेकिन अफ़सोस जनक बात है कि उनमें से बहुत कम ही ठीक से लागू किये जाते हैं” नम्रता बताती हैं.

बच्चों ही नहीं उनके अभिभावकों को भी बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए क़ानूनों के बारे में जानने ज़रुरत है. चाहे वो चाइल्ड हेल्प लाइन हो या पोक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल अब्यूज़ एक्ट) इन सभी केकानूनों बारे में अधिक से अधिक जागरूकता की ज़रुरत है.

“जो माता-पिता पढ़े लिखे नहीं होते उन्हें तो अच्छे-बुरे स्पर्श में अंतर ही नहीं पता होता इसलिए वो बच्चों की बात समझ नहीं पाते और कई बार बच्चे डर से कुछ नहीं बताते. ऐसे में खुद बच्चों इस बारे में जागरूक होना ज़रूरी है. अगर वो अपने अभिभावकों को नहीं बता पाते तो उन्हें स्कूल के शिक्षकों को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए.”

नम्रता ने कार्यक्रम में बताया. साथ ही जिन्हें पुलिस में रिपोर्ट करने में झिझक होती है उनके पास सीधे पोक्सो की वेबसाईट में जाकर रिपोर्ट करने का विकल्प भी है.

    

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