खबर का असर : दलित छात्रा का नाम काटे जाने के मामले की जांच शुरू

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खबर का असर : दलित छात्रा का नाम काटे जाने के मामले की जांच शुरूमौके पर जाकर जांच करती महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कन्नौज। हाईस्कूल में पढ़ने वाली दलित छात्रा की ओर से फीस न दे पाने के कारण काटे गए नाम का मामला महिला एवं बाल विकास विभाग ने संज्ञान लिया है। जांच शुरू हो गई है।

गाँव कनेक्शन ने 14 अक्टूबर 2017 के अंक में ‘फीस नहीं दे पाई तो नाम काट दिया, पर मैं पढ़ना चाहती हूं’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें नगर पालिका परिषद कन्नौज क्षेत्र के भगवानपुर निवासी हाईस्कूल की छात्रा मनीषा शंखवार (14 वर्ष) का नाम शहर के ही गोमती देवी गर्ल्स इंटर कालेज (सहायता प्राप्त) से काट दिए जाने का जिक्र था। खबर का संज्ञान लेने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग सक्रिय हो गया है। छात्रा की मदद को कार्रवाई तेज हो गई है। जिले से विभाग की टीम पीड़िता के घर पहुंची। यहां छात्रा और उसकी मां से मिली।

आपकी सखी आशा ज्योति केंद्र में 181 की काउंसलर देवांश प्रिया बताती हैं, ‘‘लड़की से बात की गई। क्लियर किया गया है कि मामला क्या है। उसने बताया है कि फीस मांगी गई। उसके लिए टाइम दिया गया। जमा नहीं कर पाई। दोबारा गई नहीं। जब पैसा हुआ तो बोल दिया गया कि सीटें फुल हो गई हैं। नाम काट दिया गया है।’’ देवांश आगे बताती हैं, ‘‘हमसे पीओ ने जांच करने को कहा था। ‘गाँव कनेक्शन’ की खबर का संज्ञान लिया गया है। मेरे साथ 181 की काउंसलर अमिता और एएसआई राजाबेटी भी पहुंची थीं। यह भी पता किया गया कि लड़की की मदद क्या हो सकती है।’’

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संरक्षण अधिकारी विजय कुमार राठौर बताते हैं, ‘‘लखनऊ निदेशालय से फोन आया था। हमारी जिला प्रोबेशन अधिकारी से बात हुई थी। हमने आशा ज्योति केंद्र की टीम भेजी थी। हम भी मौके पर जाएंगे। लड़की से बात करेंगे। निदेशालय से कहा गया है कि किसी तरह से छात्रा का फार्म भराया जाए। ‘गाँव कनेक्शन’ की खबर का भी संज्ञान लिया गया है।’’छात्रा की मां मिथलेश ने बताया, ‘‘जो लोग जांच करने आए थे उन्होंने सरांयमीरा में कलेक्ट्रेट में जाने को कहा है। वहां फार्म भरना होगा। यह भी कहा है कि स्कूल जाना और कोई कुछ कहे तो हमसे कहना।’’

मनीषा ने गाँव कनेक्शन को बताया, ‘‘उन्होंने कहा है कि वह लोग फोन करेंगी। स्कूल जाना होगा। अगर टीचर न बिठाएं तो फोन करना। सोमवार से स्कूल जाने को कहा है। अभी हमको बुखार है। सुबह तक ठीक हो गया तो स्कूल जाएंगे। नहीं तो अगले दिन जाएंगे।’’

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