उप चुनाव के बाद ही गठित होंगी पंचायतें
गाँव कनेक्शन 24 Dec 2015 5:30 AM GMT

कन्नौज। जिले में 91 प्रधान ऐसे हैं जो चुनाव जीतने के बाद करीब दो महीने तक कुछ नहीं कर सकते हैं। कारण ये है कि दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्यों का कोरम ही पूरा नहीं है, इसलिए पंचायत का गठन नहीं हो सका है। उनको इंतजार के सिवाय अभी कुछ हाथ नहीं लगा है।
20 दिसम्बर 15 को जिले के आठों ब्लॉकों में जीते हुए प्रधानों का शपथ ग्रहण समारोह चला। एक ग्राम पंचायत में नौ, 11, 13 व 15 में से कोई एक संख्या सदस्यों की होती है। सदर कन्नौज, छिबरामऊ, उमर्दा, सौरिख, हसेरन, तालग्राम, जलालाबाद व गुगरापुर ब्लॉक में कुल 504 प्रधान चुनाव जीते। लेकिन इनमें से 91 प्रधान इसलिए शपथ नहीं ले सके कि उनकी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या का बहुमत दो तिहाई नहीं था। कन्नौज के 33, जलालाबाद में 14, छिबरामऊ में 10, उमर्दा में सात, सौरिख में 14, हसेरन में पांच, गुगरापुर में तीन व तालग्राम में पांच प्रधान पद व गोपनीयता की शपथ लेने से वंचित रह गए।
शपथ न ले पानी वाली 91 ग्राम पंचायतों में कई पद सदस्यों के खाली हैं। हालांकि ऐसी कई ग्राम पंचायतें भी है, जहां प्रधानों की शपथ तो हो गई लेकिन सदस्यों के कुछ पद खाली हैं। ऐसी पंचायतों में बहुमत पूरा है। उमर्दा, हसेरन व सौरिख में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री विजय बहादुर पाल ने प्रधानों को शपथ दिलाई। उन्होंने मेहनत व ईमानदारी से काम करने का पाठ भी पढ़ाया।
तिकड़म भी आया काम
चुनाव से पहले अधिकतर प्रधान उम्मीदवारों ने सदस्यों के भी पर्चे दाखिल कराए थे। वह पहले से ही चुनाव की तिकड़म में लगे थे। उनकी तिकड़म काम आई और उन्होंने शपथ इसलिए ले ली कि सदस्यों का कोरम पूरा था।
क्या बोले जिला पंचायत राज अधिकारी
कन्नौज ज़िले के डीपीआरओ जेके केसरवानी ने बताया, "जहां ग्राम पंचायतों का गठन नहीं हो सका है, वहां एडीओ पंचायत काम देख रहे हैं। वह अभी प्रशासक बने रहेंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव के बाद पंचायत सदस्यों के उपचुनाव होने की उम्मीद है। जनवरी 2016 के अंतिम सप्ताह में चुनाव हो सकते हैं।"
रिपोर्टर- विजय कुमार मिश्रा
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