अब उपहार में नहीं मिलतीं गाय-भैंस
Diti Bajpai 11 April 2017 7:52 PM GMT
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
लखनऊ। एक समय था जब लोग शादियों में उपहार में गाय-भैंस दिया करते थे, लेकिन जब से गाय-भैंसें लाखों में बिकने लगीं, तब से ये परंपरा ही खत्म हो गयी।
“मैंने अपनी दो बेटियों की शादी में दस लीटर दूध देने वाली भैंस दी थी। लेकिन तीसरी बेटी की शादी में नहीं दी। भैंसों के दाम कम थे और लोगों को पालने में भी दिक्कत नहीं होती थी।” ऐसा कहना है रीतराम यादव (60 वर्ष) का। रीतराम बरेली जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर फतेहगंज ब्लॉक के मरहौली गाँव में रहते हैं।
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रीतराम बताते हैं, “पहले जब बेटी की ससुराल में गाय-भैंस देते थे तो लोग सोचते थे कि बहुत बड़े घर में शादी हुई है।” प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर बाबागंज ब्लॉक के शकरदहा गाँव में रहने वाले दिनेश सिंह (45 वर्ष) बताते हैं, “मेरे बाबा ने बुआ की शादी में भैंस दी थी, लेकिन अब भैंस और गाय इतनी महंगी हो गईं हैं कि उतने में लोग अपनी बेटी को कुछ और दे देते हैं।”
शाहजहांपुर जिले के पशु वैज्ञानिक, डॉ. टीबी यादव बतातेहै, पहले गाय-भैंस सस्ती मिल जाती थी और उनके खाने-पीने पर इतना खर्चा भी नहीं आता था। अगर कोई दे भी देता तो वो उसको बेच देते हैं क्योंकि उनके एक गाय या भैंस का एक दिन का खर्चा लगभग 250 से 300 रुपए आता है।
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