सरकार का सख्त रवैया देख प्राथमिक स्कूल पहुँचने लगे हैं आंदोलनकारी शिक्षामित्र 

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सरकार का सख्त रवैया देख प्राथमिक स्कूल पहुँचने लगे हैं आंदोलनकारी शिक्षामित्र प्रतीकात्मक तस्वीर 

कन्नौज। सरकार की सख्ती और मांगें न मानने का असर शिक्षामित्रों पर दिखने लगा है। प्राथमिक स्कूलों में शिक्षामित्रों की हाजिरी बढ़ने लगी है। बीएसए कार्यालय से हर रोज रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।

शिक्षामित्र सौरभ यादव बताते हैं, ‘‘स्कूल जा रहे हैं। सरकार सुन नहीं रही है। जिले से लेकर दिल्ली तक हम लोगों ने पूरी ताकत लगा दी। अगर गैरहाजिरी के हिसाब से पैसे कटेंगे तो कटवा देंगे।’’शिक्षामित्र विनय पांडेय कहते हैं, ‘‘शिक्षामित्र स्कूल जरूर पहुंच रहे हैं, लेकिन हाजिरी लगाकर वापस आ जाते हैं। वह शिक्षण कार्य नहीं कर रहे हैं। अगर शिक्षा विभाग को नियम-कानून लागू करना है तो सब पर किया जाए।’’यूपी सरकार ने आदेश जारी किया है कि हर रोज बीएसए अपने-अपने जिले के शिक्षामित्रों की हाजिरी भेजेंगे।

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सभी शिक्षामित्रों से कह दिया गया है कि वह अपने विद्यालयों में पहुंचकर कार्यभार संभालें। खंड शिक्षा अधिकारियों, एनपीआरसी और एबीआरसी के माध्यम से शिक्षामित्रों की हाजिरी मंगाई जा रही है।
अखंड प्रताप सिंह, बीएसए कन्नौज

गैरहाजिर रहने पर काटा जाएगा मानदेय

गैरहाजिर रहने वाले शिक्षामित्रों का मानदेय काटा जाएगा। कितने गैरहाजिर, अवकाश और आने वाले शिक्षामित्रों का जिक्र होगा। अनुपस्थित रहने की संख्या का क्रम एक दिन में ही कम हो गया है। बीएसए विभाग के मुताबिक, 12 सितम्बर को कुल 1501 शिक्षामित्रों में से 489 उपस्थित रहे। 760 अनुपस्थित और 352 अवकाश पर रहे। 13 सितम्बर को भेजी शासन की रिपोर्ट में उपस्थित रहने वाले शिक्षामित्रों की संख्या 544 बताई गई है। 708 अनुपस्थित और 239 अवकाश पर रहे।

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