लखनऊ में अभी नहीं चलेगी मेट्रो, जेपी सेंटर और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का काम भी रुका
Rishi Mishra 24 March 2017 5:51 PM GMT
लखनऊ। बलिया से लखनऊ के लिए प्रस्तावित समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे परियोजना को रोक दिया गया है। आगरा एक्सप्रेस वे से इसको जोड़ा जाना है। भाजपा सरकार सबसे पहले आगरा एक्सप्रेस वे की जांच करवाएगी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की ओर से इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है।
चुनाव आचार संहिता लगने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस एक्सप्रेस वे का शिलान्यास भी कर दिया था। दूसरी ओर, राज्य सरकार की ओर से जेपी सेंटर के बजट की अगली किश्त रोक दी गई है। जेपी सेंटर तय बजट से कहीं अधिक खर्च कर के बनाया गया है। लगभग 800 करोड़ तक इसका बजट पहुंच गया। शुरुआत करीब 200 करोड़ से की गई। यही नहीं मेट्रो रेल परियोजना में कॉमर्शियल रन (यात्रियों के साथ संचालन) जो कि 26 मार्च से शुरू होना था, वह इसको स्थगित कर दिया गया।
आगरा एक्सप्रेस वे परियोजना को लेकर भाजपा सरकार की सख्ती का शिकार इसके विस्तार को लेकर शुरू किया गया समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे परियोजना होगी। जिसको आगे न बढ़ाने का आदेश कर दिया गया है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे परियोजना का काम अभी नहीं चलेगा। पहले आगरा एक्सप्रेस वे परियोजना की पूरी जांच की जाएगी। जांच के बाद ही ये काम आगे बढ़ेगा। आगरा एक्सप्रेस वे मामले में बड़ा घोटाला किया गया है। जांच में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम
ये थी समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस वे परियोजना
आगरा एक्सप्रेस वे को पूर्वी यूपी से जोड़ने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार ने 348.10 किमी के इस नये एक्सप्रेस वे की रूपरेखा बनाई थी। एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप लखनऊ व भरौली बलिया के मध्य की यात्रा लगभग 4.30 घंटे में पूरी करने का लक्ष्य रखा गया था, जिससे ये उम्मीद की जा रही थी कि दिल्ली से बलिया की दूरी 10 से 11 घंटे लगने थे। प्रदेश के 10 जनपदों लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर व बलिया से समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को गुजारे जाने की तैयारी थी। समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण कार्य 08 पैकेजों में विभाजित किया गया था, प्रत्येक पैकेज में लगभग 40 या 45 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया जाना था। करीब चार महीने पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 24 दिसंबर 2016 को इस परियोजना का शिलान्यास भी किया था।
जेपी सेंटर में हुए अनाप-शनाप खर्च
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सेठ से जुड़ी कंपनी शालीमार को जेपी सेंटर के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई थी। 200 करोड़ की ये परियोजना बढ़ते-बढ़ते 800 करोड़ तक पहुंच गई है। बजट को लेकर शासन में एक बार फिर से पत्रावली भेजी गई मगर आवास विभाग में फाइल रोक दी गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जेपी सेंटर के मामले में भी जांच का आगाज जल्द होगा।
लखनऊ मेट्रो परियोजना पर भी ब्रेक
अखिलेश यादव सरकार के समय लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना पर भी ब्रेक लगा है। मगर ये ब्रेक राज्य सरकार की ओर से नहीं खुद एलएमआरसी की कमियों की वजह से लगा है। एलएमआरसी को 26 मार्च से कॉमर्शियल रन शुरू करना था। मगर आरडीएसओ से समय पर क्लीन चिट न मिलने की वजह से ट्रायल रन नहीं शुरू किया जा सकेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री को ट्रायल शुरू करने के संबंध में फाइल भी अभी तक नहीं भेजी गई है, जिससे ये परियोजना भी फिलहाल नहीं शुरू होगी।
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