हमसे मेट्रो, एक्सप्रेस-वे बनवा लो, मंत्रोच्चारण न कराओ: अखिलेश 

Manish MishraManish Mishra   20 Sep 2017 10:33 PM GMT

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हमसे मेट्रो, एक्सप्रेस-वे बनवा लो, मंत्रोच्चारण न कराओ: अखिलेश लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व अन्य।

लखनऊ। सरकार के छह माह पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पिछली सरकारों के कामकाज पर जारी श्वेत पत्र के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हमला बोलते हुए कहा, "सरकार दूसरों का सपना अपनी आंखों से देख रही है।"

प्रदेश की तरक्की को तरजीह देता हूं

पत्रकारों से बात करते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "देश को आद्योगिकीकरण की जरूरत है। इसके लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर ही प्रदेश में विकास को आगे ले जाएगा।" अखिलेश यादव ने श्वेत पत्र में दी गईं सूचनाओं का बिंदुवार जिक्र करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, "हमसे एक्सप्रेस-वे और मेट्रो बनवा लो, मंत्र उच्चारण न कराओ। मैं नवरात्रि में व्रत भी रखता हूं, पर प्रदेश की तरक्की को तरजीह देता हूं।"

धन्यवाद भी नहीं देना चाहती

बिजली, सड़क, शिक्षा आदि में पूर्व की सपा सरकार द्वारा किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा, "योगी सरकार हमारे द्वारा किए गए कार्यों के लिए धन्यवाद भी नहीं देना चाहती। मौजूदा सरकार की विकास की कोई योजना नहीं है," आगे कहा, "आज मोबाइल और व्हाट्सऐप अफीम बन गया है, चुनाव के दौरान फिर बहकाने की बात होगी।"

उम्र भर यही गलती करते रहे...

इसके बाद अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनावों में मिली हार को एक शेर में बयां किया-'उम्र भर हम यही गलती करते रहे; धूल चेहरे पर थी, हम आइना साफ करते रहे', आगे बोले, "अगली बार हम भी चंदन लगा के आएंगे।"

योजनाओं का ले रही क्रेडिट

प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, "पिछले छह माह में कितनी वारदाते हुई हैं, पुलिस पिटी और अन्याय भी किया है। पुलिस का मनोबल गिरा है।" पूर्व मुख्यमंत्री ने सपा सरकार द्वारा चलाई गईं कई योजनाओं का नाम लेते हुए कहा, "योगी सरकार उन योजनाओं के काम का क्रेडिट ले रही है।"

पता नहीं, कौन सा प्रसाद दे दिया

सपा के एमएलसी तोड़ कर भाजपा में जाने की बात में तंज कसते हुए कहा, "हमारे एमएलसी उनकी पार्टी में चले गए, मुख्यमंत्रियों सहित सभी मंत्रियों ने शपथ भी ले ली, लेकिन हमें दावत तक नहीं दी। पता नहीं हमारे एमएलसी को कौन सा प्रसाद दे दिया।"

  

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