स्कूल में गंदे पड़े हैं शौचालय, पीने का पानी भी नहीं उपलब्ध

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स्कूल में गंदे पड़े हैं शौचालय, पीने का पानी भी नहीं उपलब्धशौचालय गंदगी से पटे होने की वजह से छात्र, छात्राएं शौच के लिए बाहर जाने को मज़बूर हैं।

प्रतीक्षा दीक्षित, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

औरैया। विकास खंड औरैया के गांव जसवंतपुर के प्राथमिक विद्यालय के शौचालय गंदगी से पटे होने की वजह से छात्र, छात्राएं शौच के लिए बाहर जाने को मज़बूर हैं। सिर्फ स्कूल ही नहीं यहां के गांव में भी शौचालय नहीं है इससे लोगों को काफी परेशानी होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने का खतरा भी रहता है। गांव में सफाई कर्मी के न आने से गंदगी फैली हुई है और कूड़े का ढेर लग गया है। प्रधान इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

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जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर बसे गांव जसवंतपुर के प्राथमिक विद्यालय के छात्रों की स्थिति बड़ी दयनीय है। विद्यालय के शौचालय गंदगी से पटे पड़े हैं, शौचालयों में गंदगी होने की वजह से छात्र-छात्राएं शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं। पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए विद्यालय के पास पानी की टंकी रखी गई है लेकिन वहां बिजली न होने के कारण पानी टंकी में नहीं भर पाता है। इसलिए पानी के लिए भी छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों को पीने के पानी के लिए गांव में जाना पड़ता है। एक साल से खराब पड़ी टंकी को सही कराने के लिए कई बार शिकायत की गई लेकिन अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। गाँव के लोगों ने बताया कि सफाई कर्मी के न आने से सफाई नहीं हो पा रही है।

स्कूल की छात्रा सविता (8) का कहना है, “शौचालय गंदा होने की वजह से कोई भी उसे इस्तेमाल नहीं कर पाता। गुरूजी ने सफाई करवाने के लिए प्रधान से कहा लेकिन अभी तक शौचालय साफ नहीं हुए है।” स्कूल की छात्र सुमित (10) का कहना है, “विद्यालय में काफी समय से सफाई नहीं हुई है जिससे गंदगी बढ़ती जा रही है। हमें शौच के लिए भी बाहर जाना पड़ता है।”

डीपीआरओ से कर चुके हैं शिकायत

गाँव निवासी एसपी दीक्षित ने बताया,“सफाईकर्मी के न आने की शिकायत डीपीआरओ से की गई है। इसके बावजूद सफाईकर्मी नहीं आता है। स्थिति यह है कि गाँव में गंदगी का अंबार लग गया है।

बच्चों के बैठने की जगह पर खड़े हैं वाहन

प्राथमिक विद्यालय जसवंतपुर के शिक्षकों का आलम ये है कि खुली हवा में जहां बच्चों के बैठने का स्थान है , वहीं पर शिक्षकों ने अपने वाहन खड़े कर रखे है। ऐसे में मज़बूरन बच्चों को गर्मी में अंदर कमरों में बैठना पड़ता है।

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