साइकिल यात्रा कर गाँवों में लाइब्रेरी खोलने के लिए जागरूक कर रहे युवा

Divendra SinghDivendra Singh   8 May 2017 3:19 PM GMT

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साइकिल यात्रा कर गाँवों में लाइब्रेरी खोलने के लिए जागरूक कर रहे युवापुस्तकालय की स्थापना के लिए बीएचयू आईआईटी के पूर्व छात्र साइकिल यात्रा कर रहे हैं।

दिवेन्द्र सिंह, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर शिक्षा और किताबें उपलब्ध कराने के साथ ही गाँव-गाँव में पुस्तकालय व ज्ञान केन्द्रों की स्थापना के प्रति जागरूक करने के लिए बीएचयू आईआईटी के पूर्व छात्र साइकिल यात्रा कर रहे हैं।

बनारस से बक्सर की साइकिल यात्रा कर चुके विकास कुमार पांडेय बीएचयू आईआईटी से बीटेक कर चुके हैं और आजकल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस में सहायक कंमाडेट के पद पर नियुक्त हैं।

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विकास कहते हैं, “गाँव में ऐसी बहुत सी प्रतिभाएं हैं जो पढ़ना तो चाहती हैं, लेकिन पढ़ नहीं पाती हैं, मुझे लगा कि क्यों न गाँव-गाँव में लाइब्रेरी शुरू की जाए, मैं खुद भी बक्सर का रहने वाला हूं, वहां पर मैंने ज्ञान केन्द्र शुरू भी कर दिया है। इस केन्द्र पर आस-पास के कई गाँव के बच्चे पढ़ने आते हैं।”

वो आगे बताते हैं, "बनारस से बक्सर के यात्रा के दौरान हमने गाँवों में रुककर उन गाँवों के बारे में जानकारी ली कैसे वहां पर लाइब्रेरी शुरु कर सकते हैं, कई गाँव में तो लोग तैयार भी हो गए हैं। बनारस के कैथी गाँव में भी ऐसी ही लाइब्रेरी स्थानीय लोगों के सहयोग से शुरु की जाएगी।"

हम इस यात्रा के माध्यम से गाँव गाँव में पुस्तकालय और ग्राम ज्ञान केंद्र की स्थापना की संभावना तलाशने निकले हैं। इन ज्ञान केन्द्रों के द्वारा बच्चों और युवकों के ज्ञान वर्धन , प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, व्यक्तित्व विकास के साथ साथ उन्हें सम सामयिक विषयों पर जानकारियां उपलब्ध कराने की योजना है। इन केन्द्रों का संचालन स्थानीय समाज विशेषकर शिक्षकों, सामाजिक संस्थाओं, जन प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवियों के समूह द्वारा किया जाएगा. इन केन्द्रों द्वारा आमजन के जीवनोपयोगी विषयों पर प्रदर्शनी, प्रशिक्षण और कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी।

"धीरे-धीरे लोगों में बुक रीडिंग कल्चर खत्म हो रहा है, आजकल अगर लोग पढ़ते भी हैं तो बस अपने कोर्स की ही किताबें पढ़ते हैं, इस यात्रा के माध्यम से लोगों को हम जागरुक करेंगे।" विकास ने आगे बताया।

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