विजय माल्या से कर्ज़ वसूलने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे: जेटली
गाँव कनेक्शन 10 March 2016 5:30 AM GMT
नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को उद्योगपति विजय माल्या मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। संसद में कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार का घेराव किया।
लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने शून्यकाल में इस विषय को उठाया और इसे बेहद गंभीर बताते हुए इस पर कार्रवाई की मांग की। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह गंभीर विषय है। विजय माल्या को दिया गया कर्ज़ साल 2004 से 2010 के बीच मंजूर किया गया और उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। विजय माल्या को कसोर्शियम बैंक ने पहली मंजूरी सितंबर 2004 में की थी। इस सुविधा का फरवरी 2008 में नवीकरण किया गया।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि विजय माल्या द्वारा बैंकों से लिये गए कर्ज की राशि ब्याज सहित 13 नवंबर 2015 तक 9091.40 करोड़ रूपये हो गई थी। यह राशि वसूलने के लिए हर कदम उठाये जा रहे हैं। जिन बैंकों से कर्ज लिया गया वे अदालत में गये हैं और मामला अभी अदालत में है।
राहुल गांधी ने जेटली से सवाल पूछा, जिन पर 9000 करोड़ रुपए बकाया है, उनको आपकी सरकार ने जाने क्यों दिया? माल्या देश से बाहर कैसे भागे? उन पर लुकआउट नोटिस है तो वे राज्यसभा मेंबर कैसे हैं? प्रश्न का जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा कि राहुलजी याद रखें कि माल्या के बाहर जाने और क्वात्रोची के बाहर जाने में अंतर है। स्विट्जरलैंड के अफसरों ने जब बताया था कि बोफोर्स घोटाले में फायदे पाने वालों में क्वात्रोची भी हैं, तब जांच कर रहे अधिकारी माधवन ने सरकार को बताया था कि इन्हें रोका जाए। तब भी उस वक्त की सरकार ने क्वात्रोची को रोका नहीं था। वे दो दिन में देश से बाहर चले गए थे। राहुलजी को शायद तारीखें समझ में नहीं आईं।
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