ये यंत्र खरपतवार से लड़ाई को करेंगे आसान

vineet bajpaivineet bajpai   12 Jan 2016 5:30 AM GMT

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ये यंत्र खरपतवार से लड़ाई को करेंगे आसानगाँव कनेक्शन

लखनऊ। हमारे देश में खरपतवार नियंत्रण के लिए मजदूरों या फिर रासायनों का प्रयोग अधिक होता है। मजदूरों से खरपतवार साफ करने में अधिक पैसा व अधिक समय लगता है इस लिए अब रासायनों का प्रयोग अधिक होने लगा है, जिसमें समय तो बच जाता है लेकिन यह महंगा पड़ने के साथ-साथ वातावरण को भी प्रदूषित करता है। इस लिए हम आज आपको ऐसे उपकरणों के बारे में बाताने जा रहे हैं, जिसमें ना तो आपका ज़्यादा पैसा खर्च होगा, ना ही समय अधिक लगेगा और ना ही वातावरण प्रदूषित होगा।

मानव चालित खरपतवार नियंत्रण औजार ---

स्टार वीडर -

लम्बे हत्थे वाला यह वीडर बगीचों, सब्जी के खेतों एवं पौधशालाओं के लिए काफी उपयोगी है। चलाते समय डिस्क में बने दांत खरपतवार काट देते हैं और ज़मीन को भुरभुरा बना देता हैं। ऐसा डिस्क के वामावर्त एवं दक्षिणवर्त दोनो दिशाओं में घूमने के कारण संभव हो पाता है।

कोनो वीडर -

सघन धान पद्धति (एसआरआई) के लिए कोनों वीडर वरदान साबित हुआ है। इसमें दो शंक्वाकार रोटर विपरीत दिशा में जड़े होते हैं। रोटर पर दांतेदार एवं समतल ब्लेड एक के बाद एक के क्रम में लगी होती हैं। इससे खरपतवार को काटने एवं मिट्टी के अन्दर ढकने में सहायक होता है। यह यंत्र एक आगे की चाल में अपना कार्य सफलतापूर्वक कर देते हैं और पीछे की चाल की आवश्यकता नहीं पड़ी।

शक्तिचालित खरपतवार नियंत्रक यंत्र ---

पावर कोनो वीडर-

इसमें कोनो वीडर की डिजाइन में बदलाव कर शक्तिचालित बनाया गया है। यह 1.12 किलोवाट इंजन से चलता है और 14 सेमी चौड़ाई में खरपतवार नियंत्रण एक बार में पूरा करता है। इसकी कार्य क्षमता 0.1 हैक्टेयर प्रति घंटा तथा खरपतवार नियंत्रण क्षमता 75-82 प्रतिशत है। इस यंत्र पर सरकारी छूट उपलब्ध है।

स्वचलित वीडर - 

इंजन द्वारा चलने वाले अन्य पावर वीडर भी उपलब्ध हैं जो विभिन्न फसलों में दोनों पहियों के बीच की दूरी को समायोजित करके उपयोग में लाए जा सकते हैं। इसमें टाइन्स पर वी-आकार की नुकीले फाल लगे होते हैं। इन टाइन्स को ऊपर नीचे करने का प्रावधान होता है। फसल में पंक्तियों के बीच की दूरी और खुदाई की गहराई के आधार पर इन्हें समायोजित कर लिया जाता है।

रोटरी कटर वीडर -

इस मशीन के मुख्य भाग हैं - एक ब्लेड जो तेज गति से घूमती है। इस ब्लेड को घुमाने के लिए छोटी क्षमता का पेट्रोल इंजन लगा होता है तथा एक लम्बा हत्था होता है जिस पर यह दोनों भाग मुढ़े होते हैं। एक मनुष्य इसे हाथ में लेकर दूर खड़ा होकर घास या खरपतवार को काट सकता है। विभिन्न उपयोग के लिए रोटरी ब्लेड डिजाइन की गई है इसमें मजबूत नाइलॉन की रस्सी से लेकर दांतेदार स्टील की ब्लेड शामिल है।

वास्तव में, खरपतवार से वढ़ते नुकसान को देखते हुए तथा रासायनिक खरपतवारनाशियों से होने वाले पर्यावरणीय प्रदूषण को रोकने के लिए यांत्रिक विधि से खरपतवार नियंत्रण बहुत आवश्यक है।

कृषि यंत्रों पर ऐसे पाएं अनुदान राशि ---

कृषि विभाग की ओर से विभिन्न योजनाओं में वितरित होने वाले कृषि यंत्रों के खरीदने पर अनुदान मिलता है। इस व्यवस्था के तहत किसान द्वारा कृषि यंत्रों की खरीद के लिए निर्धारित आवेदन पत्र संबंधित खंड विकास अधिकारी के माध्यम से कृषि निदेशक के कार्यालय को भेजना होता है। इसके बाद किसानों के आवेदन पत्रों को कार्यालय में सूचीबद्ध किया जाएगा। जिसकी पावती लाभार्थी को भी दी जाएगी। उत्तर प्रदेश कृषि निदेशक द्वारा पात्र लाभार्थियों को अनुमति पत्र जारी किया जाएगा। इस प्रकार किसान या लाभार्थी अपनी सुविधानुसार स्वेच्छा से मानक के अनुरूप कृषि यंत्र खुले बाजार अथवा संबंधित एजेंसी से खरीद कर सकेगा। 

उसके बाद क्रय किए गए कृषि यंत्रों की रसीद उत्तर प्रदेश कृषि निदेशक कार्यालय में लाभार्थी द्वारा जमा की जाएगी। इस संबंध में यह व्यवस्था है कि खरीदे गए यंत्रों के सत्यापन के बाद ही भुगतान किया जाएगा। पात्र लाभार्थी का अनुबंधित राशि का भुगतान सीधे बैंक एकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है।

 

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