अब मोबाइल से वीडियो शूट करेंगी झारखंड की ये ग्रामीण महिलाएं
सुदूर गाँव में रहने वाली जो सामुदायिक पत्रकार कलतक खबरें लिखती थीं अब वो अपने मोबाइल फोन से वीडियो शूट करेंगीं। इनकी शूट की हुई वीडियो स्टोरी आप जल्द ही हमारे यूट्यूब चैनल पर देख सकेंगे।
Neetu Singh 18 Feb 2019 10:08 AM GMT

रांची। जो ग्रामीण महिलाएं कल तक सामुदायिक पत्रकार बनकर गाँव कनेक्शन के लिए खबर लिख रहीं थीं अब वही महिलाएं मोबाइल फोन से वीडियो बनाने का हुनर सीख चुकी हैं। आपको जल्द ही इनकी शूट की हुई वीडियो स्टोरी देखने को मिलेंगी।
गाँव कनेक्शन और झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) की ओर से अभी हाल ही में झारखंड की राजधानी रांची में दो दिवसीय वीडियो वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जहाँ पहले दिन मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट ने वीडियो से जुड़ी बारीकियों के बारे में महिलाओं को ट्रेनिंग दी। वहीं दूसरे दिन फील्ड ले जाकर इन्हें मोबाइल से वीडियो बनाने का अभ्यास कराया गया।
इस ट्रेनिंग में शामिल हुई पश्चिमी सिंहभूमि के मनोहरपुर प्रखंड से आयी आशा तिग्गा (28 वर्ष) ने खुश होकर कहा, "हमारे पास मोबाइल तो बहुत पहले से है पर हमें पता नहीं था कि हम इससे भी वीडियो स्टोरी शूट कर सकते हैं। ट्रेनिंग के बाद अब हम अपने आसपास के बहुत सारे वीडियो बनाकर भेजेंगे।" आशा तिग्गा पिछले एक साल से ज्यादा सामुदायिक पत्रकार का प्रशिक्षण लेकर खबर लिख रहीं थी इनकी लिखी खबरें गाँव कनेक्शन और दूसरे मीडिया प्लेटफार्म पर पब्लिश हो चुकी हैं।
इस मोबाइल जर्नलिज्म की ट्रेनिंग में 25 सामुदायिक पत्रकार शामिल हुई जो पहले से ही गाँव कनेक्शन के लिए खबरें लिखती आई हैं। सखी मंडल से जुड़ी इन उत्साही और कुछ नया सीखने की ललक रखने वाली सामुदायिक पत्रकारों ने दो दिवसीय प्रशिक्षण में अपने आसपास की कई कहानियों को बताया जिसे मोबाइल में कैद किया जा सकता है। इन सामुदायिक पत्रकारों को इनके द्वरा शूट की गयी वीडियो स्टोरी का मानदेय भी दिया जाएगा जिससे इनका उत्साह बना रहे।
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के मीडिया एवं संचार के प्रोग्राम मैनेजर कुमार विकास ने कहा, "राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जो ये प्रशिक्षण दिया जा रहा है इसकी कोशिश यही है कि इन सामुदायिक पत्रकारों को डिजिटल माध्यम से भी जोड़ा जाए। अब ये अपने स्मार्ट फोन से सखी मंडल से जुड़ी बदलाव की कहानियाँ शूट करके भेजेंगी। इन्हें इसका मानदेय भी दिया जाएगा जिससे इन्हें रोजगार का एक और माध्यम मिलेगा।"
भारत का सबसे बड़ा ग्रामीण मीडिया हाउस गांव कनेक्शन अपने विस्तार की तरफ है। पहले चरण में गांव कनेक्शन भारत के हिंदी भाषी राज्यों उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ झारखंड के ग्रामीण मुद्दों, वहां की संस्कृति, विरासत, खान-पान, खेती-किसानी, मानवीय मुद्दे वीडियो के माध्यम से कवर किए जाने हैं। स्वयं प्रोजेक्ट के तहत इन राज्यों में कुछ अलग करने का जज्बा रखने वाले साथियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
गांव कनेक्शन ग्रामीण मीडिया हाउस है इसलिए ग्रामीण मुद्दों और मानवीय स्टोरी (ह्यूमन एंगल) के आसपास रहना है। गांव कनेक्शन की कोशिश है गांव और शहर के लोगों के बीच कनेक्शन (रिश्ता) और मजबूत हो, जो गांव में रहते हैं, उन्हें शहर की जानकारी हो और जो गांव छोड़ चुके हैं वो गांव की जड़ों से जुड़े रहें।
हम और आप मिलकर ग्रामीण स्तर की पत्रकारिता को नया आयाम देंगे, गांव के मुद्दे अब बड़ी आवाज़ बनेंगे। छोटे शहरों, गांव की बातें, रहन-सहन, खान पान लोगों को नए अनुभव कराएगा।
इस कार्यशाला के दौरान गाँव कनेक्शन के डिप्टी न्यूज एडीटर अरविन्द शुक्ला ने कहा, "गाँव कनेक्शन की कोशिश है कि परंपरागत पत्रकारों के साथ ऐसे लोगों को लोगों की आवाज़ बनने का मौका दिया जाए जो ग्रामीण मुद्दों से सरोकार रखते हों, जिसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, शिक्षक, छात्र, किसान और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। ऐसे नागरिक पत्रकारों को जिनके पास स्मार्ट मोबाइल हो उन्हें मोबाइल जर्नलिज्म की ट्रेनिंग देकर परिपक्व बनाया जा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "पहले चरण में झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ में ये प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। जल्द ही हम दूसरे राज्यों में जायेंगे। उम्मीद है सखी मंडल की इन महिलाओं से हमें बहुत सारी वीडियो स्टोरी जल्द ही मिलेंगी।"
हमारे लिए वीडियो स्टोरी प्राथमिक हैं जो हमारे यूट्यूब चैनल समेत और सोशल मीडिया पर जाएंगी। इसके साथ ही इससे संबंधित स्टोरी वेबसाइट www.gaonconnection.com पर पोस्ट की जाएंगी और साप्ताहिक अख़बार गांव कनेक्शन में भी छपेंगी। इन वीडियो स्टोरी पर इन महिलाओं को मानदेय भी मिलेगा जिससे इनका उत्साह कभी कम न हो और इनकी आजीविका भी सशक्त हो।
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