कन्नौज : 7 जगह बनी कांशीराम शहरी गरीब आवास कॉलोनियों में कई अपात्रों को मिली जगह 

Update: 2017-08-03 14:16 GMT
कन्नौज के ब्लॉक दो में पूछताछ करते सुरक्षाकर्मी। 

आभा मिश्रा, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

कन्नौज। कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना का हाल खराब है। अधिकतर कॉलोनी में अवैध तरीके से लोग निवास करते हैं। अपात्रों का भी बोलबाला है, खुलासा जांच के बाद हुआ है।

कुछ महीने पहले जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर बसे छिबरामऊ में नगर पालिका परिषद की कालोनी कांशीराम शहरी गरीब आवास में विस्फोट होने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। कई लोग घायल हो गए थे। यहां की प्राथमिक जांच में पता चला था कि कई संदिग्ध और अवैध तरीके से लोग कालोनी में रहते हैं और अवैध कारोबार भी करते हैं। इसके बाद कन्नौज में बनी कालोनी की भी जांच शुरू हो गई। इसमें कुछ ताला लगाकर दूसरी जगह रहने लगे तो किसी ने अपनी कालोनी किराए पर उठा दी है, ऐसे मामले प्रकाश में आए हैं।

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नगर पालिका परिषद की टीम ने लेखपाल और पुलिसकर्मियों की मदद से कालोनी की जांच शुरू की। शहर में सात जगह बनी 1496 कालोनी में 444 अवैध मिलीं। साथ ही 347 कालोनी में ताला पड़ा मिला या अन्य जगह रहने के मामले प्रकाश में आए।

पालिका के लिपिक अंजनि कुमार गुप्त ने बताया, ‘‘कंदरौली बांगर दक्षिण में 348, ताजपुर नौकास में 176, एसपी कार्यालय के निकट 352, कंदरौली बांगर उत्तर में 176, दरियापुर रायभान में 132, अकबरपुर सरायघाघ पूर्व में 72 और पश्चिम में 240 आवास बने हैं।’’ अंजनि आगे बताते हैं, “ छिबरामऊ कालोनी में विस्फोट के बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए थे। उसी के तहत जांच कराई गई। पहला आवंटन वर्ष 2010 में हुआ था। इसमें अनुसूचित जाति को 23 फीसदी, पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी, सामान्य को 50 फीसदी आरक्षण दिया गया है। विधवा और दिव्यांग को वरीयता दी गई है।”

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नगर पालिका परिषद के प्रभारी ईओ/अतिरिक्त एसडीएम रामदास कहते हैं, ‘‘अपात्र खाली हो जाएंगे। पात्र को आवास दिए जाएंगे। एडीएम साहब कमेटी गठित करेंगे, उसके बाद प्रक्रिया चलेगी। बैठक भी नहीं हुई है। कॅलोनी की जांच चल रही है। नए सिरे से आवंटन होगा। इसका क्राइट एरिया देखा जाएगा। यह डूडा के तहत आती हैं। सूची देखकर ही बता सकता हूं कि किस तरह के अपात्र मिले हैं।’’

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