पशु चौपाल: पशुओं की अच्छी सेहत के लिए उन्हें दें संतुलित आहार
Diti Bajpai | Dec 08, 2018, 11:45 IST
आजमगढ़। पशुपालकों को जागरूक करने और उन्हें पशुपालन के उन्नत तरीके सिखाने के लिए हेस्टर और गाँव कनेक्शन के साझा प्रयास से गाँव-गाँव में पशु चौपाल लगाई जा रही हैं, जिससे पशुपालकों की आमदनी को बढ़ाया जा सके।
आज़मगढ़ जिले के अज़मतगढ़ ब्लॉक के जमसर गाँव में पशु चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में पशुपालकों को बांझपन के बारे में जानकारी देते हुए अज़मतगढ़ ब्लॉक के फार्मासिस्ट पी.एम. राय ने बताया, '' दुधारू पशुओं को पोषक तत्वों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है इसलिए उन्हें मिनिरल मिक्चर देना जरूरी होता है लेकिन ज्यादातर पशुपालक ऐसा नहीं करते है इसलिए पशुओं में बांझपन की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।'' भारत में डेयरी उद्योग में बड़े नुकसान के लिए पशुओं का बांझपन और गर्भपात मुख्य वजह हैं।
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जमसर गाँव में हुई पशु चौपाल में 80 से ज्यादा पशुपालकों ने हिस्सा लिया। चौपाल में पशुपालकों की समस्याओं का भी समाधान किया गया। हेस्टर कंपनी के सीनियर एएसएम लाल जी द्विवेदी बताते हैं, ''अगर कोई पशुपालन शुरू करना चाहता है तो वो कम पशु पाले और देसी गायों को ही पाले क्योंकि उनको बीमारियां कम होती है और अगर उनका ठीक रखाव करेंगे समय पर टीकाकरण, डीवार्मिंग कराते है तो पशुपालकों को लाभ मिलेगा।
पशुओं को पालने वाले ज्यादातर पशुपालक आर्थिक रुप और सामाजिक रुप से कमजोर यानि गरीब और पिछड़े वर्गों के होते हैं इसलिए इन्हें जागरूक करने के लिए गाँव कनेक्शन और हेस्टर ने एक मुहिम शुरू की है। इसमें पशुपालकों को सामान्य रख-रखाव, डीवार्मिंग, टीकाकरण और बीमारियों के बारे में जानकारी दी जाती है।
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पशु चौपाल में हेस्टर कंपनी के वेटनरी सेल्स एग्जीक्यूटिव अभिषेक नारायण सिंह ने पशुपालकों को खेती के साथ पशुपालन करने की सलाह दी। उन्होंने बताया, ''खेती के करने के साथ अगर पशुपालक बकरी पालन, मुर्गी पालन और सूकर पालन करते हैं तो उससे उनको दोगुना लाभ होगा।'' हेस्टर कंपनी के वेटनरी सेल्स एग्जीक्यूटिव सतेंद्र यादव ने पशुपालकों को सामान्य रख-रखाव और किस बीमारी के कौन सा टीकाकरण जरुरी है इसके बारे में जानकारी दी।
आज़मगढ़ जिले के अज़मतगढ़ ब्लॉक के जमसर गाँव में पशु चौपाल का आयोजन किया गया। चौपाल में पशुपालकों को बांझपन के बारे में जानकारी देते हुए अज़मतगढ़ ब्लॉक के फार्मासिस्ट पी.एम. राय ने बताया, '' दुधारू पशुओं को पोषक तत्वों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है इसलिए उन्हें मिनिरल मिक्चर देना जरूरी होता है लेकिन ज्यादातर पशुपालक ऐसा नहीं करते है इसलिए पशुओं में बांझपन की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।'' भारत में डेयरी उद्योग में बड़े नुकसान के लिए पशुओं का बांझपन और गर्भपात मुख्य वजह हैं।
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जमसर गाँव में हुई पशु चौपाल में 80 से ज्यादा पशुपालकों ने हिस्सा लिया। चौपाल में पशुपालकों की समस्याओं का भी समाधान किया गया। हेस्टर कंपनी के सीनियर एएसएम लाल जी द्विवेदी बताते हैं, ''अगर कोई पशुपालन शुरू करना चाहता है तो वो कम पशु पाले और देसी गायों को ही पाले क्योंकि उनको बीमारियां कम होती है और अगर उनका ठीक रखाव करेंगे समय पर टीकाकरण, डीवार्मिंग कराते है तो पशुपालकों को लाभ मिलेगा।
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पशुओं को पालने वाले ज्यादातर पशुपालक आर्थिक रुप और सामाजिक रुप से कमजोर यानि गरीब और पिछड़े वर्गों के होते हैं इसलिए इन्हें जागरूक करने के लिए गाँव कनेक्शन और हेस्टर ने एक मुहिम शुरू की है। इसमें पशुपालकों को सामान्य रख-रखाव, डीवार्मिंग, टीकाकरण और बीमारियों के बारे में जानकारी दी जाती है।
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पशु चौपाल में हेस्टर कंपनी के वेटनरी सेल्स एग्जीक्यूटिव अभिषेक नारायण सिंह ने पशुपालकों को खेती के साथ पशुपालन करने की सलाह दी। उन्होंने बताया, ''खेती के करने के साथ अगर पशुपालक बकरी पालन, मुर्गी पालन और सूकर पालन करते हैं तो उससे उनको दोगुना लाभ होगा।'' हेस्टर कंपनी के वेटनरी सेल्स एग्जीक्यूटिव सतेंद्र यादव ने पशुपालकों को सामान्य रख-रखाव और किस बीमारी के कौन सा टीकाकरण जरुरी है इसके बारे में जानकारी दी।