कपड़े प्रेस करके आयरन लेडी ने अपनी बेटियों को बनाया बैंक मैनेजर , शेफ और वकील
Ashwani Kumar Dwivedi | Mar 18, 2018, 12:30 IST
इस मां की एक बेटी शिक्षक है, दूसरी पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर, तीसरी बेटी वकील है, चौथी मशहूर सेफ तो सबसे छोटी बेटी MBA कर मैनेजमेंट में रिसर्च कर रही है... कैसे एक गरीब महिला ने बेटियों को दिलाया ये मुकाम... #repost
"कभी सोचा नहीं था कि मुझे इस काम के लिए प्रदेश के राज्यपाल सम्मानित करेंगे, ये भी नही पता था कि मेरी इस कोशिश का परिणाम कैसा होगा, लोग सपने देखते हैं, उन्हें पूरा करते हैं, लेकिन मेरे सपने बहुत बड़े नहीं थे, जो पूरे हुए वो ऐसे सपने थे, जो देखने का साहस आज भी सामान्य लोग नहीं कर पाते, तो मैं भला क्या करती, मैं तो सिर्फ माँ होने का फर्ज निभा रही हुं और मुझे गर्व और खुशी दोनों है कि मेरी बेटियों ने मेरे मेहनत को सफल कर दिया, "पांच बेटियों की माँ प्रेमा दिवाकर बताती हैं।
अपनी मां के साथ वकील बेटी अपर्णा दिवाकर और शेफ नंदिनी दिवाकर।
प्रेमा दिवाकर पिछले तीस वर्षों से लखनऊ के मोतीनगर, आलमबाग में अपने पति के साथ कपड़े प्रेस करने का काम करती हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने प्रेमा दिवाकर को सम्मानित भी किया।
प्रेमा दिवाकर मूल रूप से लखनऊ के बीकेटी तहसील के राजापुर गाँव की रहने वाली हैं, साल 1977 में उनकी शादी शत्रुघ्न प्रसाद से हो गई। प्रेमा बताती हैं, "शादी के बाद पति के पुश्तैनी काम मे उनका हाथ बंटाना शुरू कर दिया, सदरौना गाँव शहर से काफी करीब है तो पति रोज कालोनियों से कपड़े लाते और मैं उन कपड़ो को धुल कर प्रेस करके तैयार करती।" देखिए वीडियो
वो आगे कहती हैं, "पहली बेटी प्रीति के जन्म तक तो सब सामान्य था लेकिन जब दूसरी बार भी बेटी का जन्म हुआ तो घर, परिवार, नाते, रिश्तेदारों और गाँव के लोगो की चिंता बढ़ गयी, सबको फिकर होने लगी, मेरे बेटियों की तीसरी बार भी बेटी का जन्म हुआ तो लोग सहानभूति के बहाने ताने मारने लगे, मेरे पांच बेटियां हैं मैं इनकी शादी कैसे करूंगी, इनका क्या होगा ये कैसे पलेंगी, लोगों की ये बाते मुझे ताने जैसी लग रही थी, मैं जबाव देती कि पांच बेटियां है तो क्या करूं इन्हें नदी,तालाब में फेंक दूं क्या, इनकी किस्मत में जो लिखा होगा, वो होगा आप लोग फिक्र न करें।"
नाते रिश्तेदारों ने फेर लिया मुंह, कहीं मांग न लें उनसे मदद
आज उनकी पांचों बेटियों में बड़ी बेटी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक है और सिविल की तैयारी कर रही है, दूसरी बेटी अर्चना दिवाकर पंजाब नेशनल बैंक में सहायक प्रबंधक, तीसरी बेटी अपर्णा दिवाकर अधिवक्ता, चौथी बेटी नंदिनी दिवाकर मशहूर शेफ बन गयी है, पांचवी बेटी शालिनी दिवाकर एमबीए पूरा करके मैनेजमेंट में रिसर्च कर रही है।
उनकी एक बेटी शिक्षक है, दूसरी पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर, तीसरी बेटी वकील है, चौथी मशहूर सेफ तो सबसे छोटी बेटी MBA कर मैनेजमेंट में रिसर्च कर रही है.
पहले जो लोग दुत्कारते थे अब देते हैं सम्मान
वो आगे कहते हैं, "आलमबाग में रहता हूं, यहां से हवाई जहाज उड़ते हुए देखता था, उसमें बैठने को पहली बार नंदिनी की वजह से मिला, हवाई अड्डे से बड़ी सी ऑडी कार जो मुझे लेकर पांच सितारा होटल तक ले गयी फिर वहां नंदिनी के साथ टीवी वालों ने मेरा इंटरव्यू लिया इतना सम्मान। ये सब तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था। मुझे अपनी बेटियों पर गर्व है, मुझे लोग धोबी या अन्य उल्टे, सीधे नामो से बुलाते थे, वो आज मुझे सम्मान से बुलाते हैं और पहले ही नमस्ते करते हैं, प्रेस करने का काम करते हुए इक्तालीस साल हो गए है इसी के बल पर बेटियों को पढ़ाया है कभी किसी के सामने हाथ नही फैलाया, इसलिए अब भी इस काम को बराबर कर रहा हूं।
ये भी पढ़ें- ग्रामीण बदलाव की युवा नायिका हैं यामिनी त्रिपाठी
माता पिता के संघर्ष ने दिलाई सफलता कभी भूल नही सकते संघर्ष के दिन
नंदिनी दिवाकर मैं या मेरी बहने हम सबके दिमाग में एक बात हमेशा रही है और आज भी है कि जिस संघर्ष और अपनी इच्छाओ की कुर्बानी देकर मम्मी-पापा हमे पढ़ा रहे है, कुछ बनकर उनकी मेहनत, उनकी आशाओं को पूरा करना है, गरीबी, दुत्कार, ताने, यही हमारे मोटिवेटर रहे हैं।