माहवारी पर लोगों की सोच बदल रहे ये युवा

Mohit AsthanaMohit Asthana   15 Jan 2018 2:06 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
माहवारी पर लोगों की सोच बदल रहे ये युवासेनेट्री पैड के बारे में जानकारी सुनतीं छात्राएं।

हमारे समाज में जिस विषय पर बात करने के लिये लोग हिचकिचाते हैं उसी विषय को लेकर बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार फिल्म लेकर आ रहे हैं।अक्षय कुमार की ही तरह देश के कुछ राज्यों में युवा भी इस मुद्दे पर लोगों का मिथक तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं सेनेटरी पैड की।

Sanitary Protection: Every Woman’s Health Right नाम से की गई स्‍टडी में ये बात सामने आई थी कि अभी भी हमारे देश में 88 फीसदी महिलाएं सेनेटरी पैड का इस्तेमाल नहीं करतीं हैं। यही कारण है कि 70 प्रतिशत महिलाएं reproductive tract infections (प्रजनन पथ संक्रमण) से पीड़ित हैं।

ये भी पढ़ें- माहवारी : पुरुषों के लिए भी समझना जरुरी है महिलाएं किस दर्द से गुजरती हैं...

देश के अन्य राज्यों में महिलाओं और बच्चों को सेनेटरी पैड के इस्तेमाल को लेकर जागरूक करने के लिये जगह-जगह अभियान चलाया जा रहा है। दूसरी ओर सरकार ने सेनेटरी पैड को 12 प्रतिशत जीएसटी के तहत रखा गया है। इसके लिए मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्टूडेंट्स ने सेनेटरी पैड को टैक्स फ्री करने के लिए लगभग 1000 से अधिक पैड पर संदेश लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजा है।

माहवारी के दौरान स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए पिछले साल से ही केरल के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन ने कक्षा 6 से 12 तक के सरकारी विद्यालय की छात्राओं को मुफ्त सेनेटरी पैड देने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद प्रदेश के 114 पंचायतों के 300 विद्यालयों में लागू की जाएगी।

ये भी पढ़ें- माहवारी के दौरान पेड लीव : क्या लड़कियां उठा पाएंगी इसका फायदा ?

झारखंड के सराइकेला - खरसावां ज़िले के प्रशासन ने एक मुहिम की शुरुआत की है। इस मुहिम का नाम है - लेट्स स्टार्ट द कनवर्शेशन अबाउट मेंस्ट्रुएशन (चलो माहवारी के बारे में बात शुरू करते हैं)। इस मुहिम के ज़रिए लड़कियों को माहवारी के दौरान बरती जाने वाली स्वच्छता और इस्तेमाल किए गए सेनेटरी पैड का किस तरह निपटान करना है के बारे में जागरूक किया जाएगा।

प्रशासन की मुहिम।

वहीं अगर हम बिहार की बात करें तो पूर्वी चंपारण के रहने वाले राय केशव शर्मा ने अपने जिले की महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी पैड बांटकर इस समस्या को लेकर समाज में चुप्पी तोड़ने का जिम्मा उठाया है। चंपारण के अलावा आस-पास के गाँव में भी केशव ने महिलाओं और बच्चियों को सेनेटरी पैड बांटे।

ये भी पढ़ें- क्यों चाहती हैं महिलाएं माहवारी के दौरान एक दिन की ‘पेडलीव’

केशव ने चंपारण सहित लगभग सात से आठ गाँव में 800 से 900 पैड बांटे। सेनेटरी पैड खरीदने के लिये केशव ने अपनी आंटी से 5 हजार और शहर के एक अन्य व्यक्ति से 10 हजार की मदद ली। केशव खुद एक विद्यार्थी हैं इसलिये उनके पास जितनी पॉकेट मनी थी उसको भी इसी काम में लगा दिया। समाज की चुप्पी तोड़ने के लिए केशव ने वहां के नेताओं और महत्त्वपूर्ण लोगों का इस पर बात करने के लिये तैयार किया।

राय केशव शर्मा।

केशव ने वहां के पूर्व विधायक और नेताओं के हाथों सेनेटरी पैड का वितरण करा दिया और इसका फ़र्क इतना पड़ा कि महिलाओं के साथ पुरुष भी खुल कर इस विषय पर बात कर रहे हैं। केशव ने बताया कि उनके जिले में सेनेटरी पैड की फैक्ट्री नहीं है इसलिये वो बिहार सरकार से पत्र लिखकर अपील करेंगे कि वो जिले में एक सेनेटरी पैड की फैक्ट्री लगवाएं, इसके लिये वो अपनी जमीन देने के लिये भी तैयार है। उन्होंने कहा नहीं तो मैं खुद प्रयास में हूं कि मैं एक फैक्ट्री लगाऊं सेनेट्री पैड की ताकि मेरे जिले और आस-पास के गाँव की महिलाओं को सस्ती दर पर सेनेट्री पैड मिल सके।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

इसी तरह झारखंड में मंगेश झा आदिवासी महिलाओँ की माहवारी को लेकर मुश्किलें आसान कर रहे हैं। मंगेश की प्रेरणादायक ख़बर नीचे पढ़ें

ये भी पढ़ें- यहां की महिलाएं माहवारी के दौरान करती थीं घास-भूसे का प्रयोग, इस युवा ने बदली तस्वीर

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.