बिहार : दहेज प्रथा, बाल विवाह के खिलाफ 5 करोड़ लोगों ने थामे हाथ

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बिहार : दहेज प्रथा, बाल विवाह के खिलाफ 5 करोड़ लोगों ने थामे हाथबिहार में मानव श्रृंखला

बिहार में रविवार दोपहर 12 से 12.30 के बीच लगभग पांच करोड़ लोगों ने एक-दूसरे का हाथ थाम कर दहेज और बाल विवाह जैसी कुरीतियों से लड़ने का संकल्प लिया। 13668 किलोमीटर लंबी इस मानव श्रृंखला में स्कूली बच्चे, उनके माता-पिता, राजनेता, अफसर समेत सभी वर्गों के लोग शामिल हुए। इस कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में गुब्बारा छोड़कर की।

रविवार की सुबह सूरज की गुनगुनाती धूप में नहाई हुई थी। कई हफ्तों की कड़ाके की ठंड और कोहरे के बाद सभी का लिए यह खुशनुमा अहसास था। इस नजारे को कैद करने के लिए लगभग 40 ड्रोन कैमरों सहित आसमान में मंडरा रहे थे। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की एक टीम शनिवार को ही इस आयोजन को दर्ज करने पटना आ चुकी थी।

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कार्यक्रम खत्म होने के बाद नीतीश कुमार ने जनता का आभार जताते हुए कहा, मैं बिहार की जनता को धन्यवाद देता हूं कि उसने पूरे दिल से इस आयोजन में हिस्सा लिया और राज्य से दहेज प्रथा व बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करने का प्रण लिया। आरजेडी और कांग्रेस इस आयोजन में शामिल नहीं हुए। इस पर नीतीश कुमार ने कहा, जिन लोगों ने इसका विरोध किया उन्होंने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है।

इस आयोजन में देश के पहले महिला बैंड ने भी हिस्सा लिया। सरगम नाम के इस बैंड में सभी सदस्य महिलाएं हैं। यह बैंड सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लोगों को जागरुक करता रहा है।

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आयोजन से पहले खराब मौसम की वजह से नीतीश कुमार की इस पहल का विरोध करने वाले तर्क दे रहे थे कि इतनी सर्दी में जब स्कूल बंद हों छोटे बच्चों को इस मानव श्रृंखला का हिस्सा बनने के लिए कैसे बाध्य किया जा सकता है। पिछले साल भी बिहार में 21 जनवरी को शराब के दुष्प्रभावों के बारे में जागरुक करने के मकसद से मानव श्रृंखला बनाई गई थी। उस समय इसमें आरजेडी नेताओं ने भी हिस्सा लिया था क्योंकि उस समय पार्टी की राज्य सरकार में भागीदारी थी।

  

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