छत्तीसगढ़: पहाड़ बचाने के लिए आदिवासियों ने किया था प्रदर्शन, अब जाकर हुआ बयान दर्ज

Mangal KunjamMangal Kunjam   18 July 2019 12:38 PM GMT

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रिपोर्ट- मंगल कुंजम, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़)। किरन्दुल नगर के अम्बेडकर भवन में होरोली फर्जी ग्राम सभा की जांच चल रही है। इसमें 29 लोगों को बयान दर्ज किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि मामला विगत दिन 7 जून का है, जब आदिवासियों ने अपनी देवी देवता विराजमान पर्वत को उद्योगपत्तियों को देने के विरोध में तीन जिले से हुंकार रैली और अनिश्‍चित कालीन प्रदर्शन किया था।

इस रैली को आंदोलनकारियों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से अपनी दो शर्त मांग कर आंदोलन को स्थगित किया था। इनकी पहली शर्ते फर्जी ग्राम सभा की जांच 15 दिन में किया जाये और जो काम चल रहा है , उसे तत्‍काल रोका जाए।

गौरतलब है कि एनएमडीसी और एनसीएल जॉइंट वेन्सर कंपनी ने अदानी इंटरप्राइजेज कंपनी को 25 साल के लिए लोह अयस्क करने के लिए माइनिंग लीज ठेका में दिया था, जैसे ही अदानी के ठेकेदार के द्वारा माइनिंग करने के उस स्थान पर वनों को कटाई कर रहे थे तभी हज़ारो आदिवासियों ने एनएमडीसी प्रशासनिक भवन के सामने 7 दिन तक अनिश्‍चित कालीन हड़ताल कर दिया था।



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इस आन्दोल मे फ़र्ज़ी ग्राम सभा कर संबंधित अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने और उस पर्वत पर वनों की कटाई तत्काल रोकने की मांग की गई थी। राज्य सरकार ने उनकी मांगों को विचार करते हुए सभी कामों को पर तुरंत रोक लगा दी थी। जिसमें वनों की कटाई पर अभी जांच चल रही है। वहीं 15 दिन के अंदर फर्जी ग्राम सभा की जांच होनी थी लेकिन वह दो बार टालने के बाद बुधवार को 29 लोगों का बयान दर्ज किया गया है।

ग्राम सभा में अपना बयान देने पहुँची गुड्डी कुंजाम ने बताया कि मेरा भी नाम 2014 के ग्राम सभा मे दर्ज किया गया है सचिव के अनुसार मैं उस समय कुआकोंडा होस्टल में पढ़ाई कर रहा था और मेरा 18 साल भी नही हुआ था? अधिकारियों ने मेरा अंगूठा का निशान दिखाया है जबकि मैं पढ़ा लिखा हूँ, मैं कैसे अंगूठा लगाता? सचिव और कंपनी के अधिकारी मिलकर पूरा फर्जी ग्राम सभा का रिपोर्ट बना रहे हैं। अपने बयान में हमने दर्ज करवाया है कि हमारे गांव में कोई ग्राम सभा नहीं हुई है।

आज की ग्राम सभा जांच में संयुक्त पंचायत संघर्ष समिति के 15 सदस्यों को भी शामिल किया गया था और उस जांच में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता बालू भावनी ने बताया कि हम सदस्य जांच में शामिल थे और जितने भी लोगों का आज बयान हमारे सामने दर्ज किया गया है सभी लोगों ने 2014 में कोई भी ग्राम सभा नहीं होने की बात अपने बयान में दर्ज करवाई है।





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उन्‍होंने बताया कि उस समय रहे तत्कालीन सचिव बसन्त नायक का बयान दर्ज किया गया है, जब जांच अधिकारी ने सचिव को ग्राम सभा के संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि ग्राम सभा हुई है लेकिन कोई सरकार का आदेश नहीं था। सचिव के बयान के आधार पर देखे तो पूरा ग्राम सभा फ़र्ज़ी है। इस बयान के बाद मामला हमारे ही पक्ष में आने की उम्‍मीद है और आधी लड़ाई हम जीत चुके है।

हिरोली ग्राम के तत्कालीन सचिव रहे बसन्त नायक ने बताया कि हिरोली में ही ग्राम सभा प्रस्‍ताव पास किया गया है और सरपंच खुद अपना हस्ताक्षर किया है लेकिन इस ग्राम सभा के लिए कोई सरकार का आदेश नहीं था। एनएमडीसी के अधिकारी मुझे बार-बार दबाव बना रहे थे तब मैंने लिख कर दिया है। कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है सारे गाँव के लोगों के सामने प्रस्‍ताव पास कर मैंने दिया है। जांच की पूरी रिपोर्ट आएगी तो पता चलेगा।

इस ग्राम सभा के लिए बनाए गए जांच अधिकारी दंतेवाड़ा एसडीएम नूतन कुमार कवर ने बताया कि 29 लोगों का बयान दर्ज किया गया है और बाकी जो बचे है उनको जिला प्रशासन और राज्य सरकार के आला अधिकारियों को सूचना दी जाएगी। इसके बाद उनका बयान दर्ज होगा।

जिला प्रशासन भी चाहता है कि जितना जल्दी हो सके जांच खत्‍म हो ताकि हम सरकार को रिपोर्ट सौपेंगे। जब पूरी जांच होगी तो सारा रिपोर्ट पेश किया जाएगा और ग्रामीण लोगों के सहयोग के बिना पूरा जांच होना संभव नहीं है, वो सहयोग करेंगे तो जल्द ही जांच पूरी कर ली जाएगी।

   

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