लोकसभा में 38 फीसदी सांसद पेशे से किसान, क्या होगा किसानों का भला?

इस बार लोकसभा में राजनीति से जुड़े सांसदों के बाद दूसरे स्थान पर सबसे ज़्यादा संख्या उन सांसदों की है, जो किसान हैं।

Kushal MishraKushal Mishra   27 May 2019 2:16 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
लोकसभा में 38 फीसदी सांसद पेशे से किसान, क्या होगा किसानों का भला?

इस बार लोकसभा में राजनीति से जुड़े सांसदों के बाद दूसरे स्थान पर सबसे ज़्यादा संख्या उन सांसदों की है, जो किसान हैं।

देश का 17वां लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह जीत किसानों की भी जीत है। देश के किसानों को श्रेय देना भी चाहिए क्योंकि एनडीए को जो 41 फीसदी से ज़्यादा वोट मिले हैं, उसमें सबसे बड़ा योगदान देश का किसानों का रहा है।

पीआरएस लेजिस्टिव रिसर्च के अनुसार, इस बार 17वीं लोक सभा में किसान सांसदों की संख्या 38 फीसदी है। जबकि वर्ष 2014 में लोक सभा में सिर्फ 28.29 फीसदी ही सांसद किसान रहे थे यानि सिर्फ 146 सांसद।


ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश के किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने के वादे को और रफ़्तार मिल सकती है। और उम्मीद की जा सकती है कि अगले पांच सालों में देश के किसानों की समस्याओं को संसद में प्रमुखता से उठाया जाएगा और किसानों की आय बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण क़दम उठाए जाएंगे।

यह भी पढ़ें: मोदी जी ये 10 काम करके आप वोट के लिए किसानों को दे सकते हैं धन्यवाद

अगर लोकसभा में सबसे ज़्यादा संख्या में सांसदों की बात करें तो उसमें पहले स्थान पर राजनीति और सामाजिक कार्य के पेशे से जुड़े सांसदों की संख्या है, जो 39 फीसदी है यानि किसानी से जुड़े सांसदों की संख्या से सिर्फ एक फीसदी कम। दूसरी ओर यह संख्या इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 16वीं लोक सभा में इस पेशे से जुड़े सांसदों की संख्या सिर्फ 7.36 प्रतिशत ही थी।

वहीं 17वीं लोक सभा चुनाव में आए सांसदों के पेशों की बात करें तो तीसरे स्थान पर व्यापार से जुड़े सांसदों की संख्या है, जो 23 फीसदी है। इसके अलावा लोक सभा में इस बार सिर्फ 04 प्रतिशत सांसद ही वकील पेश से हैं, जो पिछली लोक सभा में 10.47 फीसदी थे।

इसके अलावा स्वास्थ्य, कलाकार और शिक्षक से जुड़े पेशों की लोक सभा सांसदों में संख्या क्रमश: 04, 03 और 02 प्रतिशत है।

यह भी पढ़ें: एक गुमनाम इंसान की कहानी जिसने 50 से ज्‍यादा लोगों को दी नई जिंदगी

17वीं लोक सभा में और क्या है ख़ास...

300 सांसद चुनकर आए लोक सभा में पहली बार, 2014 में 314 सांसद थी पहली बार आए सांसदों की संख्या

303 सांसदों के साथ लोक सभा में भाजपा का प्रतिनिधित्व सबसे ज़्यादा

06 प्रतिशत सांसद ही 70 वर्ष की उम्र से ज़्यादा है इस बार लोक सभा में

42 प्रतिशत सांसद 17वीं लोक सभा में हैं 56 से 70 वर्ष की उम्र के

394 सांसदों के पास कम से कम ग्रेजुएट स्तर की शिक्षा है लोक सभा में

78 महिला सांसद हैं 17वीं लोक सभा में, इससे पहले 2014 में 62 महिला सांसद थी



   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.