अमरनाथ यात्रा 2018: भारी सुरक्षा के बीच श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना

अमरनाथ यात्रा के लिये विद्युत चुंबकीय चिप, बाइक, बुलेटप्रूफ एसयूवी युक्त पुलिस काफिले और जगह-जगह बुलेटप्रूफ बंकर जैसे व्यापक सुरक्षा इंतजाम किये गए हैं। यात्रा मार्ग जम्मू से वाया पहलगाम और बालटाल पर सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के 40 हजार से ज्यादा सशस्त्र जवानों को बंख्तरबंद गाड़ियों के साथ तैनात किया गया है।

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अमरनाथ यात्रा 2018:  भारी सुरक्षा के बीच श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना

जम्मू। कड़ी सुरक्षा के बीच दक्षिण कश्मीर के हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की 60 दिवसीय तीर्थयात्रा के लिए करीब 3000 श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज यहां आधार शिविर से रवाना हुआ। राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार और बीबी व्यास ने भगवती आधार शिविर से तड़के करीब साढ़े चार बजे तीर्थयात्रियों को ले जा रहे 107 वाहनों और चार मोटरसाइकिलों को हरी झंडी दिखाई। आधार शिविर पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात थे। उन्होंने बताया कि यात्रा के शांतिपूर्ण एवं सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक बंदोबस्त किए गए हैं।

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साभार: इंटरनेट

अधिकारियों ने बताया कि कुल 2,995 श्रद्धालु 107 वाहनों और चार मोटरसाइकिलों में अनंतनाग में नुनवान-पहलगाम तथा गंदेरबल जिलों में बालटाल के आधार शिविर के लिए रवाना हुए। वे आज रात तक दोनों आधार शिविरों तक पहुंच जाएंगे और बृहस्पतिवार को 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए अपनी यात्रा शुरू करेंगे। करीब 1,904 तीर्थयात्री पहलगाम से 36 किलोमीटर लंबे पारंपरिक मार्ग से यात्रा करेंगे जबकि 1,091 अन्यों ने बालटाल से 12 किलोमीटर लंबे मार्ग से यात्रा करने के लिए पंजीकरण कराया है। यह तीर्थयात्रा रक्षा बंधन उत्सव के साथ 26 अगस्त को समाप्त होगी। कुमार ने वाहनों को हरी झंडी दिखाने के बाद संवाददताओं से कहा, " अमरनाथ यात्रा बहुत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और यह पूरे देश का ध्यान आकर्षित करती है। यह खासतौर से जम्मू कश्मीर के लिए बहुत ही प्रतष्ठिति कार्यक्रम है।"

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उन्होंने बताया कि श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष एवं राज्यपाल एन एन वोहरा ने तीर्थयात्रा के लिए बंदोबस्त में और सुधार करने पर काम किया है। जनता के सहयोग और सभी बलों तथा विकास एजेंसियों से अच्छी बातचीत के साथ ही हम यात्रियों को बेहतर सुरक्षा और अच्छी सुविधाएं देने की उम्मीद करते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक यात्रा के लिए दो लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। सरकार इस बार पहली बार अमरनाथ जाने वाले वाहनों को ट्रैक करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) टैग का इस्तेमाल कर रही है जबकि सीआरपीएफ ने कैमरे और विभन्नि जीवन रक्षक यंत्रों से लैस मोटरसाइकिल दस्ते को पेश किया है। इस साल तीर्थयात्रा के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस , अर्द्धसैन्य बलों , राष्ट्रीय आपदा प्रतक्रियिा बल और सेना के करीब 40,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। पिछले साल कुल 2.60 लाख श्रद्धालुओं ने हिम शिवलिंग के दर्शन किए थे।


साभार: इंटरनेट

अमरनाथ यात्रियों के लिए इस बार सर्वाधिक व्यापक सुरक्षा इंतजाम

वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिये विद्युत चुंबकीय चिप, बाइक, बुलेटप्रूफ एसयूवी युक्त पुलिस काफिले और जगह - जगह बुलेटप्रूफ बंकर जैसे व्यापक सुरक्षा इंतजाम किये गए हैं। यात्रा मार्ग जम्मू से वाया पहलगाम और बालटाल पर सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के 40 हजार से ज्यादा सशस्त्र जवानों को बंख्तरबंद गाड़ियों के साथ तैनात किया गया है। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन का भी इस बार काफी इस्तेमाल किया जा रहा है। यात्रा मार्ग पर आतंकवादी किसी तरह की गड़बड़ी न कर पाएं, इसके लिये सेना की टुकड़ियों को भी तैनात किया गया है। अगर आतंकवादी कहीं हमला करने की कोशिश भी करते हैं तो उस दिशा में अतिरक्ति सुरक्षा बलों को तत्काल वहां भेजा जा सके, इसके लिये भी इंतजाम किए गए हैं।

   

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