मिट्टी के लिए जागरूकता अभियान: आईपीएस ने साइकिल रैली में भाग लेकर कहा- वैज्ञानिक विधि से खेती करें किसान

ये कार्यक्रम देश के ग्रामीण मीडिया संस्थान गाँव कनेक्शन और कृषि क्षेत्र में काम कर रही संस्था कृषि तंत्रा की साझा मुहिम के तहत आयोजित किया गया। किसानों से सरोकार रखने वाले दोनों संस्थान मिलकर किसानों को जागरूक करने के लिए 11 राज्यों में रैली का आयोजन कर रहे हैं। कश्मीर से शुरू हुई ये रैली 40 दिनों बाद कन्याकुमारी में समाप्त होगी।

Mohit ShuklaMohit Shukla   28 March 2021 11:37 AM GMT

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मिट्टी के लिए जागरूकता अभियान: आईपीएस ने साइकिल रैली में भाग लेकर कहा- वैज्ञानिक विधि से खेती करें किसान

इस रैली के माध्यम से किसानों में मृदा संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है। सभी फोटो: गाँव कनेक्शन

कबीरधाम (छत्तीसगढ़)। मिट्टी की सेहत, मृदा संरक्षण और मिट्टी की जांच के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए छत्तीसगढ़ में आयोजित समारोह में लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कबीरधाम जिले के महली में हुए इस समारोह छत्तीसगढ़ आर्म्ड पुलिस फोर्स के कमान्डेंट जितेंद्र शुक्ल और जिले के पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा ने कई किलोमीटर साइकिल चलाकर जागरुकता अभियान को आगे बढ़ाया।

छत्तीसगढ़ में कबीरधाम जिले के महली ग्राम पंचायत में 24 मार्च को गांव कनेक्शन और कृषि क्षेत्र में कार्यरत संस्था कृषतंत्रा (Krishritantra) के साझा प्रयास से मिट्टी संरक्षण जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह में भाग लेने पहुंचे छत्तीसगढ़ आर्म्ड पुलिस फोर्स में 17वीं बटालियन के कमांडेंट जितेंद्र शुक्ल ने कहा कि खेती करना आसान काम नहीं हैं इसके लिए कृषि क्षेत्र में जानकारी हासिल करना बहुत जरूरी है।



ये कार्यक्रम देश के ग्रामीण मीडिया संस्थान गाँव कनेक्शन और कृषि क्षेत्र में काम कर रही संस्था कृषि तंत्रा की साझा मुहिम के तहत आयोजित किया गया था। किसानों से सरोकार रखने वाले दोनों संस्थान मिलकर किसानों को जागरूक करने के लिए 11 राज्यों में रैली का आयोजन कर रहे हैं। कश्मीर से शुरू हुई ये रैली 40 दिनों बाद कन्याकुमारी में समाप्त होगी।

जागरुकता अभियान की शुरुआत तीन मार्च को शेर-ए- कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी जम्मू-कश्मीर के कुलपति प्रो जेपी शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर किया था। अब यह साइकिल रैली कश्मीर से लेकर उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र आदि राज्यों से होते हुए 40 दिन के बाद कन्याकुमारी में खत्म होगी। जम्मू-कश्मीर में ही कृषि तंत्रा द्वारा निर्मित अत्याधुनिक स्वाइल टेस्टिंग मशीन कृषि रास्ता को भी किसानों के लिए सार्वजनिक किया गया था। छत्तीसगढ़ में आयोजित समारोह के अवसर पर कृषि तंत्रा के एरिया सेल्स मैनेजर अक्षय हेगड़े ने मुख्य अतिथि आईपीएस जितेंद्र शुक्ल व आईपीएस शलभ कुमार सिन्हा का बुके देकर स्वागत किया और स्मृति चिन्ह भेंट किए।

समारोह में आसपास के गांवों के 200 से ज्यादा किसान और युवा शामिल हुए। इस दौरान आईपीएस जितेंद्र शुक्ल और आईपीएस शलभ कुमार ने खुद युवाओं के साथ 5 किलोमीटर से ज्यादा साइकिल चलाई।


इस रैली के माध्यम से किसानों में मृदा संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है। जिससे किसान अपने खेतों में बेरोकटोक रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न करके वैज्ञानिक विधि से मृदा स्वाथ्य के अनुसार ही उर्वरक का प्रयोग करें इसको लेकर महा अभियान चलाया जा रहा है।

कार्यक्रम के जरिए लोगों को बिना जांच के अंधाधुंध रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के नुकसान और मिट्टी की गिरती सेहत के प्रति किसानों को सचेत किया जाता है।

समारोह में आए किसानों को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि कबीरधाम जिले के एसपी शलभ कुमार सिन्हा ने कहा, "जैसा कि अब मिट्टी के परीक्षण के लिये किसानों को राजनांदगांव नहीं जाना पड़ेगा। अब उनके गांव महली में ही तुरंत मिट्टी की जांच हो सकेगी। किसान भी अपनी रुचि इसके प्रति दिखाएं और आधुनिक तकनीक से खेती करें यही मेरा सभी से आग्रह है।"

समारोह में शामिल हुए वीपीएन किसान डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष प्रियजीत बोस ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा अभी तक किसान मिट्टी की जांच कराने के किये राजनादगांव को जाते थे,वहां उनको महीनों इंतजार करना पड़ता था। फसल पक कर के तैयार हो जाती थी लेकिन उसके बावजूद भी किसानों को जांच रिपोर्ट नही मिलती थी। ऐसे में कृषि तंत्रा की मशीन से किसान तुरंत अपनी जांच करवा सकेंगे।"


कृषि रास्ता स्वाइल टेस्टिंग मशीन की खूबियां

कृषि तंत्र द्वारा निर्मित की गई 'कृषि रास्ता' महज 50 मिनट में 12 प्रकार के परीक्षण करके उसके रिजल्ट बता देती है। जबकि सामान्य मशीनें तीन तरह की चांच ही करती हैं और उनके नतीजें आने में काफी दिन लगते हैं। जबकि कृषि रास्ता जिंक, कॉपर, सल्फ़र, कार्बन, आयरन, बोरान, पोटेशियम आदि की तुरंत जांच कर रिजल्ट देती है। जांच रिपोर्ट के साथ ही कृषि वैज्ञानिक मुफ्त सलाह देते हैं।

केंद्र सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फरवरी 2021 में लोकसभा में कहा कि साल 2015-17 के बीच पहले चरण में 10.74 लाख किसानों को मृदा कार्ड दिए गए थे तो 2017-19 के बीच दूसरे चरण में 11.93 किसानों को मृदा कार्ड दिए गए। साल 2019-20 के दौरान मॉडल ग्राम का कार्यन्वयन कर प्रत्येक ब्लॉक से एक 6954 गांवों से नमूने लेकर जागरुकता कार्यक्रम चलाए गए जबकि 2020-21 के दौरान जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए 98530 गांवों में प्रदर्शन और किसान परीक्षण का आयोजन का निर्यण लिया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि मृदा परीक्षण समेकित पोषण प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए योजना अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहेगी। वर्ष 2021-21 का अनुमान बजट 324.43 करोड़ रुपए है।



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